बिहार का ये 64 साल का किसान उगा रहा है, मैजिक राइस, जो बिना किसी ईंधन के पकेंगे सिर्फ सादे पानी में

हमने शुरू से ही सुना और देखा है कि चावल पकाकर ही खाया जाता है। और चावल की नई किस्मो का विस्तार भी होता रहता है । और उनकी पहचान या तो उनकी बनावट की वजह से होती है या फिर उनके स्वाद की वजह से। लेकिन क्या आपने कभी ऐसे चावल के बारे में सुना है। जो न सिर्फ खाने में अच्छा हो ,बल्कि उसकी कीमत भी बढ़िया हो। अगर नहीं ! तो ये खबर आपके लिए बहुत काम की है। क्योकि आज हम जिस चावल की बात करने जा रहे है। वो सिर्फ आसाम के ही इलाके में उगाया जाता है। और उसकी खेती की जाती है। लेकिन अब इसकी खेती बिहार के एक 64 साल के किसान विजय गिरी ने भी की है। और वो ऐसा करने वाले विजय गिरी पहले किसान है आईये जानते है इसके बारे में।

मैजिक राइस है इस अनोखे चावल का नाम
मैजिक राइस है इस अनोखे चावल का नाम

मैजिक राइस है इस अनोखे चावल का नाम

मैजिक राइस कहे जाने वाले चावल की सबसे खास बात है। कि इस चावल को पकने में किसी भी तरह की ईंधन की ज़रूरत नही पड़ती है। बल्कि बिना चूल्हे और बिना गैस के ही ये चावल सिर्फ ठन्डे या सादे पानी में खुद ही पक जाते है। वैसे बात हैरानी की है। लेकिन सच है। और ये चावल को कोई भी शुगर का मरीज़ खा सकता है। क्योकि ये चावल में न सिर्फ शुगर कम होता है। बल्कि ये चावल की खेती बिना किसी रसायन के तैयार कि जाता है। विजय गिरी ने भी ये मैजिक चावल की खेती बिना रसायान इस्तेमाल किये की है

बिहार के पश्चिम चंपारण के हरपुर गाँव के रहने वाले विजय गिरी 64 साल के है।
बिहार के पश्चिम चंपारण के हरपुर गाँव के रहने वाले विजय गिरी 64 साल के है।

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बिहार के विजय गिरी ने उगाया ये मैजिक राइस

बिहार के पश्चिम चंपारण के हरपुर गाँव के रहने वाले विजय गिरी 64 साल के है। लेकिन उनकी हिम्मत किसी से कम नहीं है। क्योकि आज वो हर किसी किसान के लिए प्रेरणा श्रोत है। और उन्होंने अपने गाँव में एक बार किसी कृषि मेले में हिस्सा लिया था। और वही पर उन्होंने इस मैजिक राइस के बारे में जाना था। और तभी सवचा था कि व भजि इस मैजिक आइस को उगाएंगे। और उन्होंने अपने पुरे खेत का प्रयोग न करके सिर्फ कुछ ही एकड़ को इस्तेमाल करके इस मैजिक राइस की खेती की। और सफलता पूर्वक चावल उगाया। और वो ऐसा करने वाले बिहार के पहले किसाने है।

इस चावल को पकने में किसी भी तरह की ईंधन की ज़रूरत नही पड़ती है
इस चावल को पकने में किसी भी तरह की ईंधन की ज़रूरत नही पड़ती है

45 से 60 मिनट में तैयार हो जाता है ये मैजिक राइस

आपको जानकर हैरानी होगी कि ये मैजिक राइस न सिर्फ बिना किसी ईंधन के माध्यम को इस्तेमाल किये बन जाता है। बल्कि इसे बनाने में सिर्फ पानी की ही ज़रूरत पड़ती है। और चावल सिर्फ 45 से 60 मिनट में खुद ही पककर तैयार हो जाता है। और इस मैजिक राइस को कोई भी शुगर मरीज़ खा सकता है। क्योकि एक तो इसमें रसायन का कम इस्तेमाल होता है। और इसमें शुगर की मात्रा भी साधरण चावल से कम होती है।

ये मैजिक राइस सिर्फ आसाम के ही इलाके में उगाया जाता है
ये मैजिक राइस सिर्फ आसाम के ही इलाके में उगाया जाता है

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