कभी गली गली में घूमकर बेचीं साड़ियां, ढाई रुपया ध्याड़ी पर भी किया काम, अनुभव हासिल करके शुरू की खुद की कम्पनी , बन गए है करोड़ो के मालिक

जीवन में संघर्ष भी कितना होता है न, हर बार की मुश्किलें आपको झंझोड़कर रख देती है। लेकिन जो इंसान इन सब मुश्किलों से हार नहीं मानता है, वही सफल हो पाता है जो उसके लिए सच्चे मन से प्रयास भी करना पड़ता है। और तभी सफलता की मंज़िल मिलती है। और कुछ लोग सिर्फ मेहनत से सफलता हासिल ही नहीं करते है, बल्कि इतिहास ही रच देते है।और एक ऐसे ही लोगो में से है बिरेन कुमार बिसाक जी। जिन्होंने कभी ढाई रुपए के लिए फेक्ट्री में काम भी किया था।ओर तो ओर बिरेन कुमार बसाक ने गलियों में भी चंद रुपयों के लिए साड़ियां भी बेचीं है। और तब कही जाकर उन्होंने अनुभव के आधार पर अपना खुद का एक बिज़नेस की शुरुआत की है। और आज वो करीब 50 करोड़ रुपेय के मालिक भी बन चुके है।

बिरेन कुमार बसाक का जन्म बांग्लादेश के तंगेल जिले में हुआ था
बिरेन कुमार बसाक का जन्म बांग्लादेश के तंगेल जिले में हुआ था

बंगाल से है बिरेन कुमार बिसाक जी

बिरेन कुमार बसाक का जन्म बांग्लादेश के तंगेल जिले में हुआ था। बिरेन कुमार जी एक बहुत गरीब परिवार से थे। उनके पारिवारिक काम की बात करे, तो वह एक बुनकर परिवार से संबंध रखते है। और उनसे बड़े परिवार में चार भाई है। और वो दो बहनो के बाद सबसे छोटे है। बिरेन ने अपने क्षेत्र के शिवनाथ स्कूल से केवल 6th कक्षा तक ही पढ़ाई की। लेकिन कुछ समय के बाद वह फिर साम्प्रदायिक दंगे छीड़ गए थे। जिसके बाद उन्हे और उनके परिवार को फुलिया में आना पड गया था।

बिरेन कुमार ने 2.5 ध्याड़ी पर किया काम
बिरेन कुमार ने 2.5 ध्याड़ी पर किया काम

बिरेन 2.5 ध्याड़ी पर किया काम

बता दे कि, घर की आर्थिक स्तिथि को देखते हुए बिरेन कुमार बसाक ने भी एक साडी बनाने वाली फैक्ट्री में केवल ढाई रुपए के लिए प्रति दिन काम किया था। और उन्हें अच्छी तरह से साड़ियों का अनुभव हो गया था। और उन्होंने प्रति दिन सिर्फ ढाई रुपेय लेकर अपना काम चलाया । और अपने परिवार की मदद भी की है। जिसकी वजह से वो आत्मनिर्भर बन गए, और वो भी इतनी कम उम्र में।

कई साल फेक्ट्री में काम करने के बाद बिरेन ने खुद का काम शुरू करने के बारे में सोचा
कई साल फेक्ट्री में काम करने के बाद बिरेन ने खुद का काम शुरू करने के बारे में सोचा

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बिरेन कुमार बसाक शुरू किया खुद का काम

बता दे कि, कई साल फेक्ट्री में काम करने के बाद  बिरेन कुमार बसाक ने खुद का काम शुरू करने के बारे में सोचा। और उन्होंने बुनकरो से साड़ियां खरीदकर शहर में बेचना शुरू कर दिया। और उनके समान अच्छा होने के कारण उन्हें ग्राहक अच्छे मिलने लगे। और उनका काम अच्छा चल पड़ा। उन्हें महीने में करीब 50 हज़ार का मुनाफा भी होने लगा, और इसके बाद उन्होंने अपने भाई के साथ जाकर कोलकाता में भी खुद की एक दुकान ही खोल ली। जिसमे वो खुद से साड़ियां के डिज़ाइन बनाकर बेचते थे। और उनका ये व्यापार करीब करोड़ो रुपेय कमा रहे है ,बिरेन कुमार जी की मुलाकात मोदी जी से भी हुई है।

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