पिता जी फल बेचते थे, और बेटे ने बना डाली 300 करोड़ की आइस क्रीम की कम्पनी आसान नहीं था, गरीबी का ये सफर

सफलता का सफर आसान नहीं होता है। और सफलता के किया गया संघर्ष हमेशा सही राह ही दिखाता है। और सामान्यतः सफल वही इंसान हो पाता है। जो कि शुरू से ही निरंतरता प्रयासरत रहता है। और सफलता के लिए स्वयं को भी भूल जाता है। और यहाँ पर मुझे अब्दुल कलाम की जी कही हुई वो लाइन याद या गयी, कि सपने वो नहीं होते, जो हमे नींद में दिखते है, बल्कि सपने तो वो होते है, जो हमे सोने ही न दे। और बिलकुल सही बात है ये तो। वाकई सच्चे मन से किये गए प्रयास एक न एक दिन रंग ज़रुर लाते है । आज हम जिस इंसान की सफलता की कहानी लेकर आये है। उनका जन्म एक गरीब परिवार में हुआ था। और उनके पिता एक फल बेचनेवाले थे। लेकिन उन्होंने अपने जबरदस्त आईडिया से अपनी किसमत ही बदल दी। उनका नाम है, रघुनन्दन श्री निवास कामत जी। जिन्होंने एक साधारण से व्यापार को नई बुलंदियों तक पहुंचा दिया है।

श्री निवास कामत का जन्म कर्नाटक में हुआ था।
श्री निवास कामत का जन्म कर्नाटक में हुआ था।

कर्नाटका के है श्री निवास कामत जी

बता दे, कि श्री निवास कामत का जन्म कर्नाटक में हुआ था। और वे एक गरीब परिवार में जन्मे थे। कर्नाटक में पुतुर तालुका एक गाँव है। जहाँ पर इनका जन्म हुआ था। और श्री निवास कामत के पिता जी फल बेचकर 7 सदस्यों का परिवार पालते थे। और किसी तरह से उनका गुज़ारा हो जाया करता था। लेकिन कहते है न कि हम अपनी मेहनत से अपनी तकदीर बदल सकते है। और वाकई ये बात को श्रीनिवास जी ने सच कर दिखाया है।

मुंबई में बस गया पूरा परिवार
मुंबई में बस गया पूरा परिवार

मुंबई में बस गया पूरा परिवार

बता दे, कि कुछ समय के उनका पूरा परिवार मुंबई में शिफ्ट हो गया। और परिवार में सभी बच्चे भी बड़े होकर काम करने लगे थे। जिसके बाद कामत ने भी बड़े भाईयो के साथ मिलकर काम में हाथ बंटाना शुरू किया। और धीरे धीरे वे कुछ आत्म निर्भर बन गए और सक्षम होने लगे। लेकिन कुछ समय के बाद कामत को स्वयं का कुछ काम शुरू करने की ठानी।

जुहू से शुरू हुआ आइस क्रीम बनाने का काम
जुहू से शुरू हुआ आइस क्रीम बनाने का काम

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जुहू से शुरू हुआ आइस क्रीम बनाने का काम

कुछ समय के बाद रघुनन्दन श्री निवास कामत जी ने अपने भाईयो के साथ ढाबे पर काम किया, जहाँ पर उन्होंने ये देखा, कुछ ग्राहक अक्सर खाने के बाद आइस क्रीम मांग रहे है। और यही से उनके मन में आइस क्रीम का विचार पनपने लगा। लेकिन पारिवारिक हालात ठीक नहीं थे , जिसके कारण उनकी साल 1983 में शादी करवा दी गयी। लेकिन कुछ करने के जुनुन में उन्होंने जुहू में आइस क्रीम पार्लर खोला लिया। और आज तक भी वो करीब 20 तरह के प्राकृतिक फ्लेवर की आइस क्रीम बनाते है। और करोड़ो का व्यापर कमा रहे है।

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