पिता का हो गया अचानक निधन, मज़बूरी में शुरू किया खेती का काम, आज जैविक खेती करके कमा रहे है लाखो

भारत की करीब 60 प्रतिशत जनसंख्या आज भी खेती पर ही निर्भर करती है। किसानो का आज भी मुख्य रूप से खेती का व्यापार आज भी देश की आर्थिक स्तिथि को मजबूत बनाता है। क्योकि किसान इस भारत देश की रीढ़ कहे जाते है। और उन्ही की मेहनत और पसीने से इस देश मिट्टी अपने सीने से अनाज पैदा करती है। और जिससे हम सभी का पेट भरता है। वैसे आजकल जैसे जैसे समय बदल गया है, वैसे वैसे ही खेती करने के तरीको में भी बदलाव आने लगा है। लोग अब परम्परागत खेती छोड़कर नई तकनीकों के माध्यम से खेती कर रहे है ,जो कि उन्हें ओर भी फायदे दे रही है। अब अगर बात यहां पर खेती के फायदों की जाए तो, खेती में फायदे बहुत है। जहाँ इसमें मेहनत है वहीँ इसमें लाखों का फायदा भी। कहानी एक युवा किसान अभिषेक जैन की। अभिषेक जैन ने मज़बूरी में खेती की शुरुआत की। लेकिन आज वही नींबू की खेती से वो लाखों का फायदा कमा रहे है।

अभिषेक जैन राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के रहने वाले है
अभिषेक जैन राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के रहने वाले है

राजस्थान से है अभिषेक जैन

बता दे कि, अभिषेक जैन राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के रहने वाले है। और वो साल 2007 से अपनी पुरखो की ज़मीन पर खेती कर रहे है। पिता के अचानक से निधन के बाद अभिषेक जैन ने मज़बूरी में खेती की शुरुआत की। वो कभी खेती नहीं करना चाहते थे। लेकिन गुज़ारे के लिए खेती ज़रूरी थी। और इसीलिए उन्होंने मज़बूरी में ही सही लेकिन खेती करनी शुरू की। और उन्होंने शुरुआत में काफी परेशानियां हुई ,लेकिन उन्होंने हार हार नहीं मानी। और प्रयास करते रहे।

अभिषेक जैन ने शुरुआत में तो अपने बाघों में नींबू की जैविक खेती करनी शुरू की।
अभिषेक जैन ने शुरुआत में तो अपने बाघों में नींबू की जैविक खेती करनी शुरू की।

अभिषेक जैन सही शुरुआत हुई नींबू और अमरुद के पौधो से

अभिषेक जैन ने शुरुआत में तो अपने बाघों में नींबू की जैविक खेती करनी शुरू की। और उन्हें खेती का शुरुआत में कोई ज्ञान नहीं था , जिस वजह से उन्होंने काफी सारी दिक्क्तों का सामना करना पड़ा। क्योकि अभिषेक जैन ये ज्ञात नहीं था, कि मिटटी में क्या मिलाना चाहिए? कितना मिलाना चाहिए ? जिसने उनकी मुश्किलों को बढ़ा दिया। बल्कि सबसे पहली शुरुआत में तो उन्होंने अनार से शुरुआत की थी। लेकिन केमिकल की मात्रा ज्यादा होने के के कारण उनका वो प्रयास विफल रहा।

साल 2016 से अभिषेक जैन ने आचार बनाकर बेचना शुरू किया।
साल 2016 से अभिषेक जैन ने आचार बनाकर बेचना शुरू किया

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 नींबू का अचार भी बेचते है बनाकर

साल 2016 से अभिषेक जैन ने आचार बनाकर बेचना शुरू किया। लेकिन इससे पहले अभिषेक के द्वारा बनाए गए चार सभी को बहुत पसंद आते थे। जिस कारण से अभिषेक ने नींबू का अचार बनाकर बेचने का फैसला लिया। और आज वो यही सब जैविक खेती से व्यापार करके लाखों कमा रह है। शुरू मे उनकी लागत करीब 1 से डेढ़ लाख के आसपास आयी थी। और आज वो 5-6 लाख रुपए का मुनाफा कमा रहे है।

अभिषेक साल 2007 से अपनी पुरखो की ज़मीन पर खेती कर रहे है।
अभिषेक साल 2007 से अपनी पुरखो की ज़मीन पर खेती कर रहे है।

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