आक के पौधे, फूल और दूध के इस्तेमाल करने से होंगे अनेको फायदे

आक के पौधे,फूल और आक के दूध के इस्तेमाल मे -आक के पौधे शुष्क, उसर और ऊँची भूमि में प्रायः सर्वत्र देखने को मिलते हैं। इस वनस्पति के विषय में साधारण समाज में यह भ्रान्ति फैली हुई है कि आक का पौधा विषैला होता है, यह मनुष्य को मार डालता है। इसमें किंचित सत्य जरूर है क्योंकि आयुर्वेद संहिताओं में भी इसकी गणना उपविषों में की गई है। यदि इसका सेवन अधिक मात्रा में कर लिया जाये तो, उल्दी दस्त होकर मनुष्य की मृत्यु हो सकती है। इसके विपरीत यदि आक का सेवन उचित मात्रा में, योग्य तरीके से, चतुर वैद्य की निगरानी में किया जाये तो अनेक रोगों में इससे बड़ा उपकार होता है।

आक के फूलो का कैसे इस्तेमाल करें
आक के फूलो का कैसे इस्तेमाल करें

आक की तीन जातियाँ पाई जाती है-जो निम्न प्रकार है:

  1. रक्तार्क
  2. श्वेतार्क
  3. राजार्क

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आक के फूलो का कैसे इस्तेमाल करें

मदार का वानस्पतिक नाम एक औषधीय पादप है। इसको मंदार’, आक, ‘अर्क’ और अकौआ भी कहते हैं। इसका वृक्ष छोटा और छत्तादार होता है। पत्ते बरगद के पत्तों समान मोटे होते हैं। हरे सफेदी लिये पत्ते पकने पर पीले रंग के हो जाते हैं। इसका फूल सफेद छोटा छत्तादार होता है।

 आक की शाखाओं में दूध निकलता
आक की शाखाओं में दूध निकलता

फूल पर रंगीन चित्तियाँ होती हैं। फल आम के तुल्य होते हैं जिनमें रूई होती है। आक की शाखाओं में दूध निकलता है। वह दूध विष का काम देता है। आक गर्मी के दिनों में रेतिली भूमि पर होता है। चौमासे में पानी बरसने पर सूख जाता है।

आक के पौधे अनेको फायदे

आक का हर अंग दवा है, हर भाग उपयोगी है। यह सूर्य के समान तीक्ष्ण तेजस्वी और पारे के समान उत्तम तथा दिव्य रसायनधर्मा हैं। कहीं-कहीं इसे ‘वानस्पतिक पारद’ भी कहा गया है।

आक के पौधे अनेको फायदे
आक के पौधे अनेको फायदे

आक के पीले पत्ते पर घी चुपड कर सेंक कर अर्क निचोड़ कर कान में डालने से आधा सिर दर्द जाता रहता है। बहरापन दूर होता है। दाँतों और कान की पीड़ा शाँत हो जाती है।

आक के फूल, जड़ और आक के दूध से किन बीमारियों में फायदेमंद होता है

आक के कोमल पत्ते मीठे तेल में जला कर अण्डकोश की सूजन पर बाँधने से सूजन दूर हो जाती है। तथा कडु़वे तेल में पत्तों को जला कर गरमी के घाव पर लगाने से घाव अच्छा हो जाता है। एवं पत्तों पर कत्था चूना लगा कर पान समान खाने से दमा रोग दूर हो जाता है। तथा हरा पत्ता पीस कर लेप करने से सूजन पचक जाती है।कोमल पत्तों के धूँआ से बवासीर शाँत होती है।

आक के फूल ,जड़ और आक के दूध से किन बीमारियों में फायदेमंद होता है
आक के फूल ,जड़ और आक के दूध से किन बीमारियों में फायदेमंद होता है

कोमल पत्ते खाय तो ताप तिजारी रोग दूर हो जाता है।हमारे इस आर्टिकल को पढ़ने के लिए आप सबका धन्यवाद और इस प्रकार की ओर भी रोचक खबरे जानने के लिए हमारी वेबसाइड ”Samchar buddy” से  जुड़े रहे।

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