“कितना भी पढ़ लो, रहोगे तो रिक्शा वाले ही”, ये कुछ ऐसे शब्द है, जो गोविंद को कुछ इस तरह चुभे कि, उन्होंने उसका दिया मुँह तोड़ जवाब, और बन गए IAS

जीवन में संघर्ष इतने आजाते है कि, हम ये सोच ने पड़ जाते है कि इसका हल कैसे निकाल सकते है। लेकिन बहुत से लोग ऐसे है भी होते है, जो कि मुश्किलों से हार नहीं मानते है, बल्कि उनका सामना बहुत अच्छे से मजबूत होंसले के साथ करते है। यूपीएसी की परीक्षा आपने भी सुनी होगी कि, देश की सबसे कठिन परीक्षाओ में से कठिन मानी जाती है। और इसे पास करने के लिए न सिर्फ साथ साथ मजबूत इरादो के साथ साथ धैर्य की भी जरूरत होती है। और वाकई ही में अगर आपके पास आपके मजबूत इरादे और सच्ची मेहनत आपके साथ हो, तो आपको सफलता पाने से कोई नहीं रोक सकता है। और आज हम जिस व्यक्ति की कहानी आपके लिए लेकर आये है, गोविंद जायसवाल के पिता ने उन्हें ऑटो चलाकर पाला था। और पढ़ाया लिखाया भी , और गोविन्द जयस्वाल ने उनकी मेहनत का फल भी उन्हें दे दिया था।

पिता चलाते थे ऑटो रिक्शा
पिता चलाते थे ऑटो रिक्शा

गोविंद जायसवाल पिता चलाते थे ऑटो रिक्शा

बता दे कि, गोविन्द जायसवाल जी के पिता एक ऑटो रिक्शा ड्राइवर है। और उन्होंने बहुत मेहनत से गोविन्द की पढ़ाई लिखाइ करवाई है। और गोविन्द ने भी उनकी मेहनत को भी सफल कर दिखाया है , और न सिर्फ यूपीएसी की परीक्षा को पास किया, बल्कि उसमे 48 वी रैंक हासिल की है। और गोविन्द जायसवाल ने दिन रात एक करके मेहनत करके इसमें सफलता हासिल की है। आज गोविन्द जी दिल्ली में डिस्ट्रिक्ट मेजिस्ट्रेट के तौर भी पर कार्यरत है।

खर्चा चलाने के लिये पढ़ाया टूशन
खर्चा चलाने के लिये पढ़ाया टूशन

गोविंद जायसवाल खर्चा चलाने के लिये पढ़ाया टूशन

गोविन्द के पिता जी रिक्शा ड्राइवर का काम करके उन्हें पढ़ाया लिखाया। और अगर बात गोविन्द की पढ़ाई की बात की जाये, तो उन्होंने दिल्ली जाने का फैसला लिया। और तैयारी करके आगे बढे। लेकिन उनके पास खर्चा नहीं था। लेकिन टूशन पढ़ाकर अपना खर्च चलाया था।

गोविन्द ने यूपीएसी की तैयारी करके न सिर्फ परीक्षा पास की। बल्कि उन्होंने इस उसमे 48 वी रैंक भी हासिल की है।
गोविन्द ने यूपीएसी की तैयारी करके न सिर्फ परीक्षा पास की। बल्कि उन्होंने इस उसमे 48 वी रैंक भी हासिल की है।

इसे भी अवश्य पढ़े:-पहचान बनानी तो घर से 700 रुपए लेकर शुरू किया था ये बिज़नेस, आज मेहनत से कमा चुके है करोड़ो रुपेय

हासिल की 48वी रैंक

बता दे कि, गोविन्द ने यूपीएसी की तैयारी करके न सिर्फ परीक्षा पास की। बल्कि उन्होंने इस उसमे 48 वी रैंक भी हासिल की है। और अपने पिता का नाम भी बढ़ाया है। और उन्हें सामाज में एक सम्म्मान भी दिलवाया है। वाकई अगर आपके सपने सच्चे हो। और उनके लिए मजबूर इरादा हो, तो आप जीवन की किसी भी परिस्थति से गुज़र सकते हो।

इसे भी अवश्य पढ़े:-बिटिया ने बोर्ड में 96 प्रतिशत मार्क्स लाकर सफल की माता पिता की तपस्या, माँ ने दुसरो के कपड़े धुले, तो पिता ने ऑटो चला

ऐसे ही दिलचस्प किस्से जानने के लिए जुड़े रहिये  समाचार बडी के साथ, और हमारे फेसबुक पेज को फॉलो करना न भुले

Join WhatsApp Channel