ऐसा अद्बुध चमत्कार है हनुमान जी की ये मूर्ति, कि वैज्ञानिक भी है हैरान, नृत्य मुद्रा में है अनोखी छवि

भारत मे ऐसी बहुत से चमत्कारी स्थान है। जो कि आपको हैरान करने के लिए काफी है। और वाकई में वे धार्मिक स्थान अपने आप में ही विशेष है। और सच भी है। भारत भी देवो की देवभमि कहा जाता है। और कहीं न कहीं इसी कारण से इसका विशेष महत्व भी बन जाता है।और कई मंदिर तो ऐसे है, जो कि चमत्कारों से भरे हुए है। और उनकी विशेष रूप में यही बात उन्हें ख़ास बनाती है। आज हम एक ऐसे चमत्कारी मंदिर के बारे में बात करेंगे, जो कि एक विशेष कारण से प्रसिद्ध है। और ये मंदिर इसलिए भी खास है , क्योकि ये मंदिर सम्बंधित है हनुमान जी से , कहा जाता है, कि इस मंदिर में हनुमान जी की मूर्ति नृत्य अवस्था में है। और एक अद्बुध छवि में है। और आज के इस लेख में हम इसी बारे में बात करेंगे। आईये जानते है, इस चमत्कारी मंदिर के बारे में

 हनुमान जी की मूर्ति भी नृत्य अवस्था में स्थापित है।
हनुमान जी की मूर्ति भी नृत्य अवस्था में स्थापित है।

नृत्य अवस्था में है हनुमान जी की मूर्ति

इस मंदिर की सबसे खास बात तो ये है कि, ये हनुमान जी की मूर्ति भी नृत्य अवस्था में स्थापित है। और जिसमे हनुमान जी का एक हाथ उनकी कमर पर है, और दूसरा हाथ उनके सर पवार उन्होंने रखा हुआ है। जो अपने आप में ही इस कहानी को ख़ास बना देता है। क्योकि अक्सर हमने हनुमान जी को साधारण तौर पर हाथ में गदा लिए हुए देखा है। लेकिन इस मूर्ति में ऐसा नहीं है। हनुमान न जी ने विशेष नृत्य अवस्था अपनायी हुई है। और कहानियो के अनुसार ऐसा कहा जाता है, कि हनुमान जी नृत्य करते समय वस्त्र नही पहनते है , लेकिन इस मंदिर में हनुमान जी को वस्त्र उढाया गया है।

रावण का वध के बाद हनुमान जी ने भी अपनी ख़ुशी ज़ाहिर की है।
रावण का वध के बाद हनुमान जी ने भी अपनी ख़ुशी ज़ाहिर की है।

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कुछ ऐसी है इस मंदिर की कथा

ऐसा कहा जाता है, कि जब श्री राम जी रावण का वध करके अयोध्या लौटे थे, और सीता मैया को संग ले आये थे। तो सारा राज्य खुशियों से सराबोर था। और ऐसे में हनुमान जी ने भी अपनी ख़ुशी ज़ाहिर की है। और प्रसन्नता ज़ाहिर करते हुए वे नाचने लगते है।

 ये हनुमान जी की मूर्ति भी नृत्य अवस्था में स्थापित है।
ये हनुमान जी की मूर्ति भी नृत्य अवस्था में स्थापित है।

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