एक समय ऐसा था जब क्रिकेट में बिल्कुल नहीं थी रूचि और आज दुनिया में अनोखा रिकॉर्ड किया अपने नाम पर युवराज सिंह

भारतीय क्रिकेट के स्टार ऑलराऊंडर युवराज सिंह  ने आखिरकार अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले ही लिया है। सिक्सर किंग के नाम से मशहूर युवराज ने 19 साल की उम्र में टीम इंडिया के लिए पहला वनडे मैच खेला था। भारत की अंडर-19 क्रिकेट विश्व कप की जीत में हीरो रहे युवराज ने क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में खासी धूम मचाई। खास तौर पर वनडे क्रिकेट में वह लंबे समय तक टीम इंडिया के स्थाई बल्लेबाज रहे। टी-20 क्रिकेट में भी उन्होंने कई ऐसे रिकॉर्ड बनाए जिनका टूटना असंभव है। आइए जानते हैं युवराज सिंह द्वारा बनाए गए वह बड़े रिकॉर्ड जिनका टूटना आसान नहीं है।भारतीय क्रिकेटर व सिक्सर कि‍ंग नाम से मशहूर युवराज सिंह ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया है। इस बात ऐलान होते ही क्रिकेट प्रेमियों में निराशा छा गई। उन्होंने मुंबई में प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए इस बात का ऐलान किया। इस दौरान युवराज भावुक भी हो गए। गौरतलब है कि युवराज काफी समय से भारतीय टीम का हिस्‍सा नहीं थे। अभी मौजूदा वर्ल्ड कप की टीम में अभी उन्हें नहीं चुना गया था। ऐसे में हम आपको उनके कई रिकॉर्ड के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे तोड़पाना किसी भी क्रिकेटर के लिए मुश्‍किल है।

एक समय क्रिकेट में नहीं थी रूचि दुनिया का अनोखा रिकॉर्ड
एक समय क्रिकेट में नहीं थी रूचि दुनिया का अनोखा रिकॉर्ड

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एक समय क्रिकेट में नहीं थी रूचि दुनिया का अनोखा रिकॉर्ड

पहला रिकाॅर्ड- साल 2007 एक ऐसा समय था जब भारतीय क्रिकेट टीम को विश्व की सबसे खतरनाक टीम माना जाता था। उसी दौरान युवराज ने विश्व कप में इंग्लैंड के दौरान स्टुअर्ट ब्रॉड  की गेंदो पर बिना कोई रहन दिखाए मैदान के हर कोने में छक्के बरसाए थे। युवराज के इस गुस्से के पीछे इंग्लैंड के एंड्र्यू फ्लिंटोफ थे जिन्होने स्टुअर्ट ब्रॉड के ओवर से ठीक पहले युवराज सिंह की तरफ भद्दे इशारे किए थे।

भारतीय क्रिकेट टीम को विश्व की सबसे खतरनाक टीम
भारतीय क्रिकेट टीम को विश्व की सबसे खतरनाक टीम

दूसरा रिकाॅर्ड- युवराज ने अब तक के इतिहास में सबसे तेज अर्धशतक लगाने का रिकाॅर्ड अपने नाम दर्ज करवाया है। युवराज सिंह ने इग्लैंड के खिलाफ इसी मैच में मात्र 12 गेंदों का सामना करते हुए अपना अर्धशतक पूरा किया था।

5 instances when yuvraj singh played outstanding knock in Crucial situationइस पारी के दौरान युवी ने 3 चौके और 7 गगनचुम्बी छक्के लगाकर 58 रनों की यादगार पारी खेली। उनके इस रिकाॅर्ड को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तोड़ना किसी भी बल्लेबाज के लिए आसान नहीं रहने वाला।

बचपन में स्केटिंग करते थे युवराज

बचपन में स्केटिंग के प्रति युवराज का ज्यादा प्यार था। रोज़ दिन में 8-10 घंटे स्केटिंग किया करते थे। हर्षा भोगले के साथ एक इंटरव्यू के दौरान युवराज सिंह ने बताया था कि जब नवजोत सिंह सिद्धू उन्हें स्केटिंग करते हुए देखते थे तो उन्हें लड़कों का खेल खेलने की सलाह देते थे। युवराज के पिता योगराज सिंह चाहते थे कि युवराज एक क्रिकेटर बनें। एक बार बचपन में युवराज जब स्केटिंग में मेडल जीतकर घर लौटे और अपने पिता को मेडल दिखाए तो योगराज मेडल को फेंकते हुए बोले थे कि वह स्केटिंग छोड़कर क्रिकेट खेलें, नहीं तो उनकी टांग तोड़ देंगे।

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इस बात की कम लोगों की जानकारी होगी कि एक ओवर में छह छक्के लगाकर रिकॉर्ड बुक अपने साथ -साथ इंग्लैंड के क्रिस ब्रॉड का नाम दर्ज कराने वाले युवराज भी गेंदबाज के तौर पर एक ओवर में 6 छक्के खाते-खाते बचे थे।

49वें ओवर की समाप्ति पर इंग्लैंड का स्कोर 286/6 से छलांग लगाते हुए 316 रन पर पहुंच गया था।
49वें ओवर की समाप्ति पर इंग्लैंड का स्कोर 286/6 से छलांग लगाते हुए 316 रन पर पहुंच गया था।

उनकी पिटाई का यह मौका भी इंग्लैंड के खिलाफ वनडे में आया था। 5 सितंबर 2007 को इंग्लैंड के ओवल में खेले गए वनडे मैच में इंग्लैंड के दिमित्री मस्करेन्हास ने युवी के ओवर की पांच गेंदों पर छक्के लगाए थे।

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यह इंग्लैंड की पारी का 50वां ओवर ही था और 49वें ओवर की समाप्ति पर इंग्लैंड का स्कोर 286/6 से छलांग लगाते हुए 316 रन पर पहुंच गया था।

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युवराज सिंह के बारे में अनसुनी बातें

2011 वर्ल्ड कप के बाद पता चला कि युवराज को कैंसर है। ट्रीटमेंट के लिए युवराज को अमरीका जाना पड़ा था।युवराज सिंह ने अपनी किताब में लिखा है कि जब उनका इलाज़ चल रहा था तब उन्हें कभी यह नहीं लगा था कि वह दोबारा क्रिकेट खेल पाएंगे। वह सिर्फ अपनी जान बचाना चाहते थे। उनके आदर्श सचिन तेंदुलकर और अनिल कुंबले  जैसे खिलाड़ी युवराज से मिलने के लिए अस्पताल गए थे। करीब ढाई महीने तक युवराज सिंह का इलाज़ चला।

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युवराज ठीक होकर भारत लौटे। युवराज को टीम में वापसी के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा। बीमार होने के बाद टीम में की वापसी इस बीमारी की वजह से करीब एक साल युवराज को क्रिकेट से दूर रहना पड़ा। जब वापस आए, तब वे उस फॉर्म में नहीं थे।आईपीएल से लेकर रणजी ट्रॉफी तक युवराज फ्लॉप हो रहे थे, लेकिन युवराज हार मानने वाले नहीं थे। एक तरफ अपनी फिटनेस बनाए रखते थे तो दूसरी तरफ फॉर्म में वापसी के लिए काफी मेहनत करते थे। टीम में आने के लिए उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ा। फिलहाल वह टीम से बाहर हैं। उन्होंने अपना आखिरी मैच जून 2017 को खेला था।

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मौजूदा समय में युवराज सिंह ने सबसे अधिक आईसीसी टूर्नामेंट्स का फाइनल 6 बार खेला है। इसके बाद नंबर आता है पूर्व कप्‍तान महेंद्र सिंह धोनी का, इन्‍होंने आईसीसी टूर्नामेंट्स के 5 फाइनल खेलें हैं।

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