एक पैर से विकलांग है ये शख्स, लेकिन खुद के पैरो पर खड़े है, कहीं काम नहीं मिला, तो शुरू किया खुद का काम, आज विकलांग क्रिकेटर्स भी करते है, काम

इस दुनिया में बहुत से ऐसे लोग होते है , जो कई हादसों का शिकार हो जाते है। जो कि शारीरिक रूप से बीमार हो जाते है। या फिर कुछ कमज़ोर भी पड़ जाते है। और उनमे कुछ अक्षमता देखने को मिलती है। लेकिन वे लोग इन सबके चलते कमर नहीं पड़ते है। और फिर क्या होता है , वे फिर अपने आप को इतना मजबूत बना लेते है। कि, वो एक मिसाल बन जाते है। क्योकि विकलांगता एक ऐसा श्राप स्वरुप बन जाता है , जिससे मुक्ति पाना फिर हर किसी के बस की बात नहीं हो पाती है . और यही कारण है, कि ऐसे में मनोबल भी घटने की सम्भावना होती है। लेकिन यही श्राप किसी की ज़िंदगी का वो महत्वपूर्ण मोड़ होता है, कि जिससे उसका सारा जीवन ही बदल जाता है। आज की कहानी एक ऐसे ही व्यक्ती की है, जो भले ही एक पैर से विकलांग है, लेकिन उनकी हिम्मत और साहसिक जस्बे के आगे हर बात कमज़ोर है। हम बात कर रहे है, मेरठ में विकलांग ढाबा के मालिक अमित कुमार शर्मा के बारे में। जिन्होंने विकलांगता को झलते हुए एक सफलता हासिल की है। और आज उनके ढाबे पर एक विकलांगता से पीड़ित क्रिकेटर भी काम करते है। आईये जानते है, इनकी कहानी के बारे में।

अमित नाम का ये व्यक्ति की कहानी वाकई बहुत प्रेरणा दायी और दिल को छू लेने वाली है।
अमित नाम का ये व्यक्ति की कहानी वाकई बहुत प्रेरणा दायी और दिल को छू लेने वाली है।

नौकरी के लिए भटके है दर दर पर अमित कुमार शर्मा

अमित नाम का ये व्यक्ति की कहानी वाकई बहुत प्रेरणा दायी और दिल को छू लेने वाली है। क्योकि इन्होने स्वयं भी बहुत सी परेशानियां झेलते हुए ज़िंदगी का ये सफर तय किया है। अमित कुमार शर्मा ने नौकरी पाने के लिए दर दर की ठोकरे खायी। लेकिन उन्हें कहीं पर भी नौकरी नहीं मिली। और उनके कुछ न कुछ कारणों से ठुकरा दिया गया। क्योकि वे शारीरिक रूप से अक्षम है, तो उनका मज़ाक भी उड़ाया गया था. लेकिन अब वे एक सफल ढाबे के मालिक है। एक बिजनेसमैन है।

आज चलाते है सफल ढाबा
आज चलाते है सफल ढाबा

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आज चलाते है सफल ढाबा

आज अमित कुमार शर्मा जी न सिर्फ दुसरो के लिए बहुत बड़ी प्रेरणा है, बल्कि वो एक ढाबे के मालिक भी है। जिसका नाम है, सफल ढाबा। और उन्होंने उस ढाबे में ऐसे बहुत से लोगो को काम दिया हुआ है। जिन्हे किसी न किसी विकलांगता के कारण काम नहीं मिला है। वाकई आज अमित जी ऐसे कई लोगो का सहारा बन चुके है।

अमित कुमार शर्मा, जिन्होंने विकलांगता को झलते हुए एक सफलता हासिल की है।
अमित कुमार शर्मा, जिन्होंने विकलांगता को झलते हुए एक सफलता हासिल की है।

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