पहली असफलता को माना जीवन की पहली कठिनाई, लेकिन नहीं मानी हार, और बन गए एसडीएम, दे रहे है मिसाल

कोई इंसान कुछ करने का ठान ले और उनके अंदर सच्ची लगन और सच्ची सच्चा जज्बा हो तो उसे अपनी मंजिल तक पहुंचने से कोई नहीं रोक सकता। ऐसी ही सच्ची लगन और सच्चे जज्बे के साथ एक बार फिर से यूपी पीसीएस में सफलता हासिल करने वाले कल्याण सिंह मौर्य ने सही साबित कर दिखाया है। उन्होंने यूपी पीसीएस की परीक्षा में 40 वीं रैंक हासिल करके‌ सभी के लिए मिसाल कायम की है। यूपी पीसीएस की परीक्षा में सफलता हासिल करके एसडीएम बनने वाले कल्याण सिंह मौर्य के पिता का नाम जवाहरलाल है। और कल्याण सिंह मौर्य बहराइच के डीएम के ड्राइवर की नौकरी करते हैं। कल्याण सिंह मौर्य के बड़े भाई का नाम जयसिंह है।संजय सिंह है और उन्होंने प्रयागराज से बेटे की पढ़ाई पूरी करके मल्टीनेशनल कंपनी में चीफ इंजीनियर के पद पर अभी कार्यरत हैं।

कल्याण सिंह ने अपनी पढ़ाई अपनी शुरुआती पढ़ाई बहराइच के नाना पाड़ा से पूरी की
कल्याण सिंह ने अपनी पढ़ाई अपनी शुरुआती पढ़ाई बहराइच के नाना पाड़ा से पूरी की

कल्याण सिंह की शिक्षा

कल्याण सिंह ने अपनी पढ़ाई अपनी शुरुआती पढ़ाई बहराइच के नाना पाड़ा से पूरी की और वहीं के सेवंथ डे एड्वेंटिस्ट कॉलेज से इंटरमीडिएट की शिक्षा पूरी की उसके बाद उन्होंने बीएचयू से बीएससी की उपाधि ली।और फिर दिल्ली आईआईटी से रसायन शास्त्र विषय से एमएससी की पढ़ाई पूरी की। वर्तमान में कल्याण सिंह मौर्य एनटीपीसी सोलापुर महाराष्ट्र में सहायक प्रबंधक के पद पर कार्य कर रहे हैं।

एड्वेंटिस्ट कॉलेज से इंटरमीडिएट की शिक्षा पूरी की उसके बाद उन्होंने बीएचयू से बीएससी की उपाधि ली।
एड्वेंटिस्ट कॉलेज से इंटरमीडिएट की शिक्षा पूरी की उसके बाद उन्होंने बीएचयू से बीएससी की उपाधि ली।

बेटे की सफलता में उनकी मां का है योगदान

सभी मां बाप का सपना होता है कि उसके बच्चे पढ़ लिख कर कोई बड़ा नाम करें बड़ा आदमी बने और जब बच्चे माता पिता का सपना पूरा करते हैं। तो उन्हें अपने बच्चों की सफलता से बेहद खुशी होती है। कल्याण सिंह के पिता भी उनकी सफलता से बेहद खुश हैं , वो बेटे की खुशी के मौके पर भावुक हो गए ,और उन्होंने कहा कि बेटे की सफलता के पीछे उनकी पत्नी अर्थात उनकी माता कल्याण सिंह की माता का बहुत बड़ा योगदान है। लेकिन आज बेटे कल्याण सिंह मौर्य की सफलता देखने और खुशी का आनंद लेने के लिए इस दुनिया में नहीं है जो कि बहुत ही दुख की बात है।

बेटे की सफलता में उनकी मां का है योगदान।
बेटे की सफलता में उनकी मां का है योगदान।

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यूपीएससी की परीक्षा में पांच नंबर से रह गए पीछे

आगे कहते हैं कि, वे एक ड्राइवर होने के नाते अक्सर काम में व्यस्त रहते थे। ऐसे में उनकी पत्नी ने बच्चों की संभाल कि उनका देखभाल से लेकर उनकी पढ़ाई लिखाई सब कुछ पर ध्यान दे दी थी। लेकिन 5 साल पूर्व उनकी पत्नी का स्वर्गवास हो गया , जिससे वह अपने बेटे की सफलता को देख नहीं सकी। अंत में वह कहते हैं कि कल्याण में साल 2021 में यूपीएससी की परी और मेंस की परीक्षा में सफलता हासिल की लेकिन इंटरव्यू में पांच नंबर कम आने की वजह से उनका चयन नहीं हो सका, कल्याण सिंह मौर्य ने यूपीपीसीएस की परीक्षा में सफलता प्राप्त करके अपने पिता को गर्व से ऊंचा कर दिया था।

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