300 रुपए से शुरू किया था बिज़नेस, और आज कमा रहे है 90 लाख रुपए

जब कुछ करने का जस्बा मन में हो तो फिर उम्र को क्या आंकना। और आप ज़िंदगी के किसी भी पर हो, अगर आपकी हिम्मत और कुछ कर गुज़रने की इच्छा अच्छी और मजबूत है ,तो फिर आपको सफलता के पास जाने से कोई नहीं रोक सकता है। कहानी एक कॉलेज स्टूडेंट की,जिसने कॉलेज के दूसरे साल ही अपने पैरो पर खड़े होने की ठानी और शुरू किया स्टार्ट अप। और मात्र 300 रुपए से शुरू किया बिज़नेस आज 90 लाख का टर्न ओवर से आगे बढ़ चुका है। जी हां, मात्र 300 रुपए की लगत से रेवाज छेत्री ने अपना बिज़नेस शुरू किया था, और आज वो बुलन्दियो को छू रहे है। और अच्छा खासा लाभ कमा रहे है, आईये जानते है उनकी इस यात्रा के बारे में।

 रेवाज छेत्री का जन्म सिक्किम के इलाके गंगटोक में हुआ था।
रेवाज छेत्री का जन्म सिक्किम के इलाके गंगटोक में हुआ था।

सिक्किम गंगटोक के है रेवाज छेत्री

बता दे कि रेवाज छेत्री का जन्म सिक्किम के इलाके गंगटोक में हुआ था। और इनका जन्म साल 1994 में हुआ था। और उनके पिता पेशे से एक किसान थे। लेकिन वो अब इस दुनिया में नहीं है। और रेवाज ने कॉलेज के दिनों से ही कई बिज़नेस आइडियाज के बारे में सोचा। और कई में वो सफल भी नहीं हो पाए। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और कुछ न कुछ आईडिया सोचते रहते थे। जिसमे से उनका एक आईडिया सफल हो गया।

रेवाज छेत्री ने कई तरह के बिज़नेस आइडियाज पर काम किया।
रेवाज छेत्री ने कई तरह के बिज़नेस आइडियाज पर काम किया।

शुरू किया एनई टैक्सी का काम

रेवाज छेत्री ने कई तरह के बिज़नेस आइडियाज पर काम किया। लेकिन वो सिर्फ एनई टैक्सी का आईडिया सफल कर पाए। वैसे कहते है न की सफलता से पहले कई बार असफलता देखनी पड़ती है, और ये हमारे ऊपर निर्भर करता है कि हम उससे किस तरह सीखते है। रेवाज ने भी अपनी असफलताओ से सीखा और सालता हासिल की।

 रेवाज के पास मात्र जेब में 300 रुपए थे। लेकिन उन्होंने वही 300 रुपयो को डोमैन खरीदा
रेवाज के पास मात्र जेब में 300 रुपए थे। लेकिन उन्होंने वही 300 रुपयो को डोमैन खरीदा

जेब में थे 300 रुपए
रेवाज छेत्री जी बताते है, कि जब वो कॉलेज के दूसरे साल में थे, तब उन्होंने बिज़नेस करने पर विचार किया। लेकिन उनके पास मात्र जेब में 300 रुपए थे। लेकिन उन्होंने वही 300 रुपयो को डोमैन खरीदा। और एनई टैक्सी के लिए ऑनलाइन प्लेटफार्म की शुरुआत की थी। जो कि आज 90 लाख लके मुनाफे में है। और रेवाज ने साल 2017 म एक ऑनलाइन एप्प की भी शुरुआत की।

रेवाज छेत्री को फ़ोर्ब्स की सूचि में मिल चुका है स्थान
रेवाज छेत्री को फ़ोर्ब्स की सूचि में मिल चुका है स्थान

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फ़ोर्ब्स की सूचि में मिल चुका है स्थान

बता दे कि रेवाज छेत्री पहले ऐसे उत्तर पूर्वी के पहले ऐसे व्यक्ति बन गए है, जिन्होंने फ़ोर्ब्स जैसी मैगज़ीन की सूचि में जगह बनायीं है। और उन्हें कई बार सम्मानित भी किया जा चुका है।

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