लाखों की नौकरी छोड़कर शुरू किया खेती का काम, IIT टोपर ये युवक सवार चुका है 35,000 लोगों का जीवन

वैसे आजकल के समय में पहले तो नौकरी मिलना ही बहुत बड़ी बात होती है। और अगर मिल जाय तो उसे छोड़ना बहुत मुश्किल हो जाता है। क्योकि नौकरी से इंसान की हर ज़रूरत पूरी हो सकती है।लेकिन किसी -किसी इंसान में तो समाज सेवा की इतनी लगन होती है कि वह सब कुछ छोड़कर केवल समाज की सेवा ही करने की इच्छा रखता है। ऐसे ही एक शख्स है बनारस में जन्मे विशाल सिंह। विशाल सिंह ने IIT किया है। और लाखों की सैलरी की जॉब छोड़कर आज करीब 35 हज़ार आदिवासियों का जीवन सुधार रहे है। और न सिर्फ उन्हें खेती करने के नए नए गुर सीखा रहे है। बल्कि उन्हें नई नई खेती की तकनीक की ट्रेनिंग भी दे रहे है। और उनका जीवन बेहतर बना रहे है।

बनारस के रहने वाले विशाल सिंह जी के पिता जी भी खुद एक किसान है।
बनारस के रहने वाले विशाल  जी के पिता जी भी खुद एक किसान है।

 पिता भी है किसान

बनारस के रहने वाले विशाल सिंह जी के पिता जी भी खुद एक किसान है। और उनके दादा जी भी किसान ही है। जिस कारण से विशाल सिंह को भी खेती बाड़ी से लगाव है। लेकिन वो IIT करना चाहते थे । और विशाल के पिता जी ने घर के हालात ऐसे होते हुए भी उन्हें पढ़ाया और IIT करवाई। और विशाल सिंह ने भी उनका मान रखते हुए अपनी पढ़ाई पर पूरा ध्यान दिया। और कॉलेज के पहले साल ही उन्होंने गेट का एग्जाम की तैयारी भी की। और पुरे मन से की गयी तैयारी का उन्हें फल भी मिला। उन्होंने गेट का एग्जाम पास कर लिया। और एग्रीकल्चर से आगे की पढाई की।

 विशाल सिंह ने एग्रीकल्चर से इंजीनियर की है
विशाल सिंह ने एग्रीकल्चर से इंजीनियर की है

पढ़ाई के दौरान विशाल सिंह मिलते रहे किसानो से

बता दे कि विशाल सिंह ने एग्रीकल्चर से इंजीनियर की और किसानो के कल्याण से जुडी कई बातो को जाना। और उनका लगाव और रूचि खेती के प्रति काफी बढ़ गयी थी। और वे ये जान गए थे, कि यदि किसानो को सही तरह का मार्गदर्शन मिले तो वह बहुत कुछ कर सकते है। और अच्छा खासा लाभ कमा सकते है। और इसीलिए विशाल अक्सर पढ़ाई के दौरान भी किसानो से मिलने जाया करते थे। और उन्हें खेती की बारीकियों से अवगत करते थे। धीरे धीर किसानो को उनकी बताई हुई बातो से लाभ होने लगा। और उन्होंने विशाल पर विश्वास किया।

विशाल सिंह ने आज तक करीब 35 हज़ार आदिवासी किसानो को आत्मनिर्भर बनाया है
विशाल सिंह ने आज तक करीब 35 हज़ार आदिवासी किसानो को आत्मनिर्भर बनाया है

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विशाल सिंह संवारा 35 हज़ार आदिवासी किसानो का जीवन

विशाल सिंह को अपनी पढ़ाई के दौरान नौकरी भी मिल रही थी। लेकिन उन्होंने उसे तयागकर सारा कार्य और मेहनत आदिवासियों के जीवन को सुधारने में लगा दिया। और फिर आदिवासी किसानो का जीवन सुधारने लगे। ऐसा ऐसा करते करते उन्होंने आज तक करीब 35 हज़ार आदिवासी किसानो को न सिर्फ खेती की ट्रेनिंग दी, बल्कि रोज़गार के नए आयाम भी दिए।

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