जूस बेचकर खरीदे अपने सपने, 20 बार हुए असफल, लेकिन मंज़िल नहीं छोड़ी, और आज बन गए है, RPSC के PTI

सिविल की परीक्षा, आईएएस बनने का सपना ना जाने कितने युवाओं का होता है। जरा दिल्ली के मुखर्जी नगर में जा कर देखिए। हजारों की तादाद में ऐसे बच्चे होंगे जो कि आईएस बनने का सपना अपने आंखों में लेकर घूमते हैं। जी हां दोस्तों उनमें से एक है भवानी सिंह भाटी। जो ,परिवार की आर्थिक स्थिति सही न होने के कारण, उन्होंने घर की जिम्मेदारी लेने का सोचा। और दुकान चला रहे थे ।एक जूस की दुकान चलाते हुए उन्होंने अपनी पढ़ाई को जारी रखा। और वह 20 बार असफल होने के बाद भी इस बार उन्होंने राजस्थान लोक सेवा आयोग के PTI परीक्षा में सफलता हासिल की। इस परिक्षा को हासिल करने के बाद उन्हें PTI शिक्षक के तौर पर सरकारी नौकरी मिल गई। कहते हैं ना दोस्तों जब आप किसी चीज को करने की ठान लेते हो ,और हार नहीं मानते हो तो , कितनी बार भी हार क्यों ना हो। लेकिन अगर आप उठकर खड़े होते हो, तो आपका सफल होना तय है। ऐसा ही एक अनोखा उदाहरण भवानी सिंह भाटी जी बनकर आए हैं जिन्होंने यह साबित कर दिया कि 20 असफल होने के बाद भी सफल हुआ जा सकता है।

भवानी सिंह का जन्म 15 अगस्त 1995 को हुआ था।
भवानी सिंह का जन्म 15 अगस्त 1995 को हुआ था।

आइए जानते भवानी सिंह भाटी जी के बारे में

भवानी सिंह भाटी जी ,राजस्थान के जोधपुर की ओसियां तहसील के बिरलोका के रहनेवाले हैं। उनका जन्म 15 अगस्त 1995 को हुआ था। उनकी शुरुआती शिक्षा गाँव के ही सरकारी स्कूल से पूरी हुई उसके बाद उन्होंने BA की पढ़ाई जोधपुर कॉलेज से पूरी की। इसके अलावा उन्होंने बैचलर ऑफ़ फिजिकल एजुकेशन और योगा में डिप्लोमा की डिग्री हासिल की। परिवार की आर्थिक स्थिति सही ना होने के कारण ,इन्हें पिता जी की मदद करनी पड़ी ।उन्होंने अपने परिवार की आर्थिक मदद करने के लिए एक जूस का दुकान खोला, लेकिन इन्होंने अपनी पढ़ाई नहीं रोकी ।और पढ़ते रहे ।ये अपनी तैयारी यूट्यूब के माध्यम से कर रहे हैं। आज ऑनलाइन पढ़ाई करके ही यह सफल हुए हैं।

 भवानी सिंह ने अपने परिवार की आर्थिक मदद करने के लिए एक जूस का दुकान खोला, लेकिन इन्होंने अपनी पढ़ाई नहीं रोकी ।
भवानी सिंह ने अपने परिवार की आर्थिक मदद करने के लिए एक जूस का दुकान खोला, लेकिन इन्होंने अपनी पढ़ाई नहीं रोकी ।

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मुश्किलों में बनाया रास्ता

दोस्तों , जब मुश्किलें होती हैं तो रास्ते भी निकल जाते हैं। बस कमी तो इस बात की होती है कि आप में जज्बा और हिम्मत कितना है ।अगर इंसान ठान ले तो वह करके रहता है ।अब बड़े बुजुर्ग कहते हैं ना कि अगर सारे रास्ते बंद हो जाए तो, भगवान एक रास्ता जरूर खोल देता है। ऐसा ही कुछ भवानी सिंह भाटी के साथ हुआ। इनके जैसे ऐसे कई बच्चे हैं ,जिनके पास ऑनलाइन पढ़ाई करने की सुविधा है। अगर वह चाहे तो वे भी आगे बढ़ सकते है।और अपने सपनों को पूरा कर सकते हैं। तो दोस्तों देर किस बात की आप भी ऑनलाइन का प्रयोग कीजिए और अपने सपनों को पूरा कीजिए।

भवानी सिंह का जन्म 15 अगस्त 1995 को हुआ था।
भवानी सिंह का जन्म 15 अगस्त 1995 को हुआ था।

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