पिता जी को बीमार देखकर हुई बहुत दुखी, और करने लगी रिसर्च और बना लिया खुद का ही आयुर्वेदिक ब्रांड “नम्य”

भारत के एक हिस्से जम्मू कश्मीर में जन्मी रिद्धिमा अरोड़ा, आज एक ऐसी युवा बन चुकी है। जिन्हे अगर हम एक सफल उद्यमी कहे तो गलत नहीं होगा , सिर्फ 29 साल की इतनी कम उम्र में उन्होंने काफी बड़ा मुकाम हासिल किया है, जो कोई शायद ही कर पाये। वैसे आप सभी ने आयुर्वेदिक इतिहास के बारे में तो ज़रूर सुना होगा। हमारे भारत की पहचान जो है इससे, और हमारी प्राचीन सभ्यता की एक मूल आधारशिला भी इसी से है। और हो भी क्यों न, अब वैसे हर कोई आयुर्वेद की तरफ लौटने लगा है। और नए आधुनिक इलाजों से ज्यादा आयुर्वेद में विश्वास करने लगा हैं, और स्वस्थ रहने का एक राज़ हैं आयुर्वेद।

ऐसी रही स्कूली शिक्षा रिद्धिमा की
ऐसी रही स्कूली शिक्षा रिद्धिमा की

इसे भी अवश्य पढ़े:- फिल्म की तरह हैं महेंद्र डोगने की ये कहानी, स्कूल में हुआ कई बार फेल, घर से भागा खुद की तलाश में , दो बार ठुकराई बैंक क…

ऐसी रही स्कूली शिक्षा रिद्धिमा अरोड़ा की

रिद्धिमा अरोड़ा  का जन्म जम्मू कश्मीर में हुआ था, और उनके पूरा परिवार शुरू से ही आयुर्वेद में विश्वास रखता था। और उसे ही मानता था, हालांकि रिद्धिमा के दादा जी का एक आयुर्वेदिक स्टोर भी था। जिसमें वो आयुर्वेदिक हर्ब्स और जड़ी बूटियां रखते थे, और उन्हें बेचा करते थे। और रिद्धिमा ने अपनी शुरूआती स्कूली शिक्षा जम्मू से ही पुरी की, और बाद में उन्होंने आगे की पढ़ाई के लिए चेन्नई का रुख किया। और पोस्ट ग्रेजुएशन करते करते उनहोंने नौकरी भी की।

पिता जी के अचानक बीमार होना बन गया महत्वपूर्ण मोड़
पिता जी के अचानक बीमार होना बन गया महत्वपूर्ण मोड़

पिता जी के अचानक बीमार होना बन गया रिद्धिमा अरोड़ा का महत्वपूर्ण मोड़

रिद्धिमा जब नौकरी कर रही थी, तो उसी दौरान उनके पिता की काफी तबियत ख़राब हो गयी थी, और डॉक्टर्स के अनुसार उन्हें “लीवर सेरोसिस” नाम का डिसऑर्डर हो गया था। और उनके पास समय कम था, और उस समय डॉक्टर्स के अनुसार उनके पास मात्र 6 महीने थे, जो कि बहुत समय था। उस समय रिद्धिमा को बहुत सी ऐसी बाते सुनने को मिली, कि उन्हें ये दवाई दो, वो दवाई दो। लेकिन रिद्धिमा ने कहा कि कोई उनके खान पान पर नही ध्यान नहीं दे रहा है, और फिर उन्हें कहा गया कहा आयुर्वेदक ही ठीक कर सकता है।

रिधीमा ने की आयुर्वेदिक रिसर्च और शुरू हुआ "नम्य"
रिधीमा ने की आयुर्वेदिक रिसर्च और शुरू हुआ “नम्य”

रिद्धिमा  ने की आयुर्वेदिक रिसर्च और शुरू हुआ “नम्य”

इन सबके बाद रिद्धिमा अरोड़ा ने शुरू की आयुर्वेदिक रिसर्च। और उन्होंने रिसर्च के दौरान काफी पॉजिटिव रिजल्ट पाया, और खुद से इन बूटीयो पर काम करना शुरू किया, और उनके पिता जी भी आयुर्वेदिक बूटियों से ठीक होने लगे थे। और फिर रिद्धिमा ने शुरुआत की “नम्य” की, जो कि आज एक आयुर्वेदिक ब्रांड बन चुका है, और ज्यादातर लोग इसका प्रयोग करने लगे है, और इसके उन्हें सकारात्मक परिणाम मिलने लग गए थे।

रिद्धिमा आज कर रही है करोड़ो की कमाई
रिद्धिमा आज कर रही है करोड़ो की कमाई

आज कर रही है करोड़ो की कमाई

रिद्धिमा अरोड़ा की मेहनत और लगन से शुरू किया गया “नम्य” का ब्रांड आज एक नाम भी बन गया है। और आज इसी ब्रांड के ज़रिये वो करोड़ो का बिज़नेस कर रही है, और कई लोग उनके इन प्रोडक्ट्स से ठीक हो गए है, और वो आज एक अच्छी और सफल बुसिनेसवीमेन बन गयी है।

ये है नम्य के कुछ खास प्रोडक्ट्स
ये है नम्य के कुछ खास प्रोडक्ट्स

इसे भी अवश्य पढ़े:- हरे सोने से आभूषण बनाकर व्यापार कर रही है ये 65 साल की महिला, जानिए क्या हैं ये हरे आभूषण, जो हैं टिकाऊ और सबसे सस्ते भी

इस आर्टिकल को पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद , ऐसे ही दिलचस्प किस्से जानने के लिए जुड़े रहिये  समाचार buddy के साथ, और हमारे फेसबुक पेज को फॉलो करना न भूले!

Join WhatsApp Channel