लोग चमार कहकर बुलाते थे, लेकिन उन्ही तानो भरे शब्दों को बना डाला जीवन का लक्ष्य, बना दिया “CHAMAR” एक ब्रांड

हमारे देश में आज भी कहीं न कहीं पर जातिगत भेदभाव किया जाता है। और कहीं कहीं पर तो ये इतना व्याप्त है, कि व्यक्ति को उसकी जात के नाम पर चिढ़ाया जाता है, और हम इंसान सोच में पड जाते है, कि आखिर ये जाति के नाम पर ये जाति भेद भाव क्यों होता है। और हर कोई इसे सहन भी नहीं कर पाता है। लेकिन कुछ लोग इन सब के चलते आगे ही नहीं बढ़ पाते है। और कुछ लोग इन्ही सबके साथ कुछ नए नए बदलावो के साथ सम्मान से जीते है। आज हम जिस शख्स की कहानी यहाँ लेकर आये है, उनकी कहानी वाकई बहुत दिलचस्प है, उनका नाम है सुधीर राजभर। सुधीर राजभर को भी गाँव में जातिगत तंज कसे गए। लेकिन उसी प्रयोग किये गए शब्द को एक ब्रांड में रूप में स्थापित कर दिया है। उन्होंने “CHAMAR” नाम से एक बैग और बेल्ट बनाने के काम को एक नई पहचान दी है। और वाकई ये बहुत सम्मान की बात है।

सुधिर राजभर का जन्म उत्तर प्रदेश के जौनपुर में हुआ है।
सुधिर राजभर का जन्म उत्तर प्रदेश के जौनपुर में हुआ है।

उत्तर प्रदेश में जन्मे है सुधीर राजभर

बता दे कि सुधिर राजभर का जन्म उत्तर प्रदेश के जौनपुर में हुआ है। और वो चमार जाति में जन्मे है। बता दे कि, चमार उन लोगो को कहा जाता था, जो कि चमड़े का काम करते थे। और उन्हें बहुत ही घृणित नज़रो से देखा जाता था। आज भले ही लोग पढ़ लिख गए है। और समझदार हो गए है। लेकिन कहीं कहीं स्थान पर जाति गत भेदभाव देखने को गाँव में मिल ही जाता है । और सुधीर ने भी इन सब का सामना किया है। इसी का बदला उन्होंने कुछ एसे लिया।

सुधीर ने अपने काम की शुरुआत मुंबई के धारवी से चमार स्टूडियो के रूप में की थी।
सुधीर ने अपने काम की शुरुआत मुंबई के धारवी से चमार स्टूडियो के रूप में की थी।

शुरू किया पहल चमार स्टूडियो

सुधीर ने अपने काम की शुरुआत मुंबई के धारवी से चमार स्टूडियो के रूप में की थी। और यहाँ उन्होंने दलित समाज के और मुस्लिम समाज के लोगो को रोज़गार दिया। और उन्होंने शुरुआत में कपडे के बैग बनाने से शुरुआत की है। और उनके द्वारा बनाये गए बैग, बेल्ट और सामान आज भी बड़े बड़े शोरूम में उपलब्ध है। और ऑनलाइन शॉपिंग स्टोर पर भी लोग बहुत ही शोक से इन्हे ख़रीदते है।

सुधीर ने अपने प्रयासों के बल पर एक स्टार्ट की शुरुआत की। जिसे उन्होंने नाम दिया "चमार" ब्रांड।
सुधीर ने अपने प्रयासों के बल पर एक स्टार्ट की शुरुआत की। जिसे उन्होंने नाम दिया “चमार” ब्रांड।

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बना दिया चमार ब्रांड

बता दे, कि सुधीर ने अपने प्रयासों के बल पर एक स्टार्ट की शुरुआत की। जिसे उन्होंने नाम दिया “चमार” ब्रांड। और आज भी ये ब्रांड के सामान केवल देश में ही नहीं बल्कि विदेशो में भी पसंद किये जाते है। सुधीर का मुख्य उद्देश्य है, कि लोग इस चमार शब्द के सही अर्थ को समझे। जो कि सिर्फ एक पेशा है।

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