अनोखी है इस देवी की कृपा, जहाँ 2000 सालो से जल रही है ये दिव्या ज्योति, जानिए इस मंदिर का अनोखा रहस्य

इस दुनिया में ऐसी बहुत सी रहस्य्मयी चीज़े है। जिनके बारे में बहुत से अनोखे तथ्य सामने आते रहते है। और हम इसी जद्दो जहत में जा रह जाते है, कि असल में ये रहस्य क्या है। और वैज्ञानिक भी इसी खोज मे लगे रहते है, कि आखिर में इसका रहस्य क्या है। और भारत देश को देव भूमि का दर्जा भी प्राप्त है। क्योकि यहाँ पर कई ऐसे रहस्य्मयी और चमत्कारी मंदिर है। जिनका रहस्य वैज्ञानिक भी आज तक नहीं ढून्ढ पाए है।और आज हम एक ऐसे ही चमत्कारी मंदिर के बारे में एक लेख लेकर आये है, जिसकी चमत्कारी ज्योत करीब 2000 साल से लगातार जल रही है। और उसका यही राज आज तक कोई भी नहीं समझ पाया है, कि ऐसा कैसे संभव है। दरअसल इस ज्योत के प्रकाश को हरसिद्धि देवी के चमत्कार स्वरुप माना जा रहा है। और फिर कही न कहीं ये सही भी है। क्योकि एक धार्मिक विश्वास का ही परिणाम है, कि हमारे देश में आज भी इतने श्रद्धा और भक्ति इस आधुनिक समय में ही देखने को मिल रही है। आईये जानते है इस चमत्कारी मंदिर के बारे में।

हरसिद्धि मंदिर भारत के उज्जैन नगरी में स्तिथ है।
हरसिद्धि मंदिर भारत के उज्जैन नगरी में स्तिथ है।

उज्जैन में स्तिथ है हरसिद्धि मंदिर

बता दे कि, हरसिद्धि मंदिर भारत के उज्जैन नगरी में स्तिथ है। क्योकि उज्जैन नगरी को एक धार्मिक नगरी होने का भी दर्जा प्राप्त है। और उज्जैन के बारे में ऐसा कहा जाता है, कि यहाँ पर कोई भी मुख्यमंत्री जी रात में नहीं ठहरते है। और ये वाकई में बहुत हैरानी की बात नहीं है। क्योकि किसी भी मंदिर की अपनी शर्ते और धार्मिक मान्यताये होती है। जिसके कारण उन्हें नहीं छेड़ना ही सही होता है।

 इस मंदिर का निर्माण उज्जैन के राजा विक्रमादित्य के भतीजे विजय सिंह ने कारवाया था।
इस मंदिर का निर्माण उज्जैन के राजा विक्रमादित्य के भतीजे विजय सिंह ने कारवाया था।

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ऐतिहासिक सफर कुछ ऐसा रहा है

बता दे कि ये हरसिद्धि मंदिर, के इतिहास के बारे में कहा जाता है कि, इस मंदिर का निर्माण उज्जैन के राजा विक्रमादित्य के भतीजे विजय सिंह ने कारवाया था। और तब के समय में विजय सिंह ही राजा थे। और उनके समय में केवल एक ही देवी भक्त थे, जिनका नाम था हरसिद्धि था ,और उन्ही को श्रद्धांजलि देने के लिए विजय सिंह जी ने मंदिर का निर्माण करवाया था।

श्रद्धांजलि देने के लिए विजय सिंह जी ने मंदिर का निर्माण करवाया था।
श्रद्धांजलि देने के लिए विजय सिंह जी ने मंदिर का निर्माण करवाया था।

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