महज़ 8 साल की उम्र में छोड़ दिया था घर इस युवक ने, बनकर लौटा अधिकारी, पुरे गाँव में हुआ जश्न

बिहार एक ऐसा राज्य है, जहाँ पर सबसे मेहनत करने वाले युवा रहते है ,ऐसा इसलिए क्योकि बिहार राज्य के ज्यादातर युवाओ में मेहनत करने का जस्बा सबसे ऊपर होता है। क्योकि बिहार से कई दशकों से upsc जैसी सेवाओं में कई युवाओं का चयन हुआ है। और अपने मेहनत और लगन से बिहार के युवाओं ने खुद को साबित भी किया है। ऐसे ही एक युवा है सुमित कुमार, जो कि एक आईएएस अफसर बन चुके है। और बिहार के रहने वाले है। और यूपीएसी की परीक्षा एक बार नहीं, बल्कि दो बार पास करके इतिहास ही रच डाला। जी हां सुमित कुमार आज एक आईएएस अफसर बन चुके है, लेकिन सुमित कुमार IAS के लिए ये सफर आसान नहीं था। आईये जानते है इनका ये सफलता तक सफर कैसा रहा ।

सुमित बिहार के जमुई जिले के सिकंदरा गाँव के रहने वाले हैं
सुमित बिहार के जमुई जिले के सिकंदरा गाँव के रहने वाले हैं

बेहद गरीब परिवार में जन्मे थे सुमित कुमार (IAS)

बता दे कि सुमित बिहार के जमुई जिले के सिकंदरा गाँव के रहने वाले हैं। और इनका जन्म एक गरीब परिवार में हुआ था। इनके पिता का नाम सुशांत बणवाल है। और सुमित का जीवन बचपन से ही गरीबी में गुज़रा है। और सुमित कुमार (IAS) के आसपास काफी गरीबी उन्होंने शुरू से ही देखी है। और सुमित के पिता भी चाहते थे, कि सुमित कुछ बड़ा करे और एक बड़ा आदमी बने। और ऐसा हुआ भी ,अपने अथक प्रयसो से सुमित ने सफलता का मुकाम हासिल कर ही लिया।

सुमित कुमार ने गाँव में कोई भी सुविधा न होने की वजह से घर छोड़ दिया।
सुमित कुमार ने गाँव में कोई भी सुविधा न होने की वजह से घर छोड़ दिया।

सुविधा न होने की वजह से छोड़ दिया घर सुमित कुमार (IAS)

सुमित कुमार ने गाँव में कोई भी सुविधा न होने की वजह से घर छोड़ दिया। ताकि उनका भविष्य अच्छा हो सके। वैसे माता पिता उनके साथ ही थे। इस वजह से वो उनकी हिम्मत बने रहे। उनके गाँव में ढंग के स्कूल तो क्या स्वास्थ्य सुविधाये तक नहीं थी। और इसी वजह से उनका पढ़ना मुश्किल था। जिसके कारण उन्हें 8 साल की उम्र में ही घर छोड़कर जाना पड़ा। ताकि उनका भविष्य सुधर सके।

IIT कानपूर के लिए हुआ था सिलेक्शन

सुमित कुमार बचपन से ही पढ़ने में अच्छे थे, उन्होंने 10 और 12 वी की परीक्षा में भी अच्छे मार्क्स लाये थे। जिस कारण से उन पढ़ने की ललक बढ़ती गयी। और इसके बाद साल 2009 में उनका चयन IIT कानपूर के लिए हो गया। और वही से उन्होंने अपनी बी-टेक की पढ़ाई भी पूरी की। और इसके बाद उन्होंने यूपीएसी की तैयारी करने की ठानी ।

सुमित ने 2018 में फिर से परीक्षा दी और 53 वी रैंक के साथ यूपीएसी की परीक्षा पास कर ली।
सुमित ने 2018 में फिर से परीक्षा दी और 53 वी रैंक के साथ यूपीएसी की परीक्षा पास कर ली।

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पास की यूपीएसी परीक्षा

साल 2017 में सुमित ने यूपीएसी की तैयारी करके परीक्षा दी, और उसमे उन्होंने अपने पहले ही प्रयास में सफलता हासिल की। और उन्हें 493 वीं रैंक मिली। जिसके बाद उन्हें डिफेंस कैडर का पद मिला था। लेकिन वो खुश नहीं थे। और दोबारा प्रयास में लग गए। और इस बार पुरे जी जान से साल 2018 में फिर से परीक्षा दी और 53 वी रैंक के साथ यूपीएसी की परीक्षा पास कर ली।

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