एक पैर पर कूदने वाली ये बिटिया अब अपने दोनों पैरो पर चल सकेगी, इन 6 इंजीनियरो ने 12 घंटे की मेहनत से तैयार किया इस बिटिया के लिए पैर

आपने वो बिहार की बेटी सीमा के बारे में तो सुना होगा, जो कि एक पैर से स्कूल जाती थी । और उनके इस एक पैर से चलने की वाली वीडियो पुरे देश भर में वायरल हो गयी थी। जिसके बाद उनके इस बेमिसाल जस्बे को पूरा देश सलाम कर रहा था। लेकिन हैरानी की बात तो ये है कि, इस जांबाज़ बेटी की कोई भी मदद नहीं कर पा रहा था। हाल ही में एक सराहने वाली खबर सामने आयी है। जिसमे ये बताया जा रहा है कि, इस बेटी के लिए 6 इंजीनियर की टीम ने मिलकर एक कृत्रिम पैर तैयार तैयार किया है। जिसकी मदद से ये बच्ची अब चल भी सकेगी, और इसे एक ही पैर पर इस तरह से कूदकर जाने की ज़रूरत नहीं है। और ये खबर के बाद से पूरा देश बहुत खुश है। और इंजीनियर को भी सभी लोग दुवाए दे रहे है। वाकई में बहुत गर्व की बात है, कि किसी इंसान ने इतने घंटो तक मेहनत करके इस बिटिया के लिए पैर बनाया हो। और उस बेटी को मानो एक नई ज़िंदगी दे दी हो। क्योकि इस बेटी जिसका नाम सीमा बताया जा रहा है, वह बहुत ही मुश्किल से सिर्फ एक ही पैर के सहारे स्कूल जाती थी। लेकिन अब उसे उसका दूसरा पैर भी मिल गया है।

जमुई की है ये बिटिया सीमा
जमुई की है ये बिटिया सीमा

जमुई की है ये बिटिया सीमा

बता दे कि, ये बिटिया जिसका नाम सीमा है। वह बहुत ही बहादुर बेटी है। और इस बहादुर बेटी ने हर संभव प्रयास से पढ़ाई करती है। और इस बच्ची की एक हादसे में जान चली गयी थी। और यही नहीं। इस बच्ची ने ये सब होने के बावजूद भी कभी हिम्मत नहीं हारी थी। और लगातार सिर्फ अपनी पढ़ाई पर ही ध्यान दिया है। और वो अक्सर ऐसे ही एक पैर से कूदते हुए स्कूल जाती थी। उनकी यही एक पैर से स्कूल जाने वाली वीडियो वायरल हो गयी थी। जिसके बाद ये इंजीनियर उसकी मदद के के लिए आगे आये है।

12 घंटो की मेहनत से तैयार किया कृत्रिम पैर
12 घंटो की मेहनत से तैयार किया कृत्रिम पैर

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12 घंटो की मेहनत से तैयार किया कृत्रिम पैर

बता दे कि POI की टीम ने 26 मई सुबह 6 बजे से कृत्रिम पैर बनाना शुरू कर दिया। इस कार्य में सुमन कुमार, मुकेश कुमार, रंजीत झा, शालिनी, अरविंद कुमार, प्रवीण कुमार आदि ने सुबह से लेकर रात 12 बजे तक अपना योगदान दिया। और उन्होंने बिना रुके इस कृत्रिम पैर को तैयार किया है। और इस बच्ची के सपनो को एक उड़ान दी है।

 POI की टीम ने 26 मई सुबह 6 बजे से कृत्रिम पैर बनाना शुरू कर दिया।
POI की टीम ने 26 मई सुबह 6 बजे से कृत्रिम पैर बनाना शुरू कर दिया।

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