ये नन्हे-नन्हे बच्चे भले ही नेत्रहीन है, लेकिन कर रहे है कई घरो को रोशन, मोमबत्ती बनाकर दे रहे है रौशनी, कमाल है

आंखें भगवान की वह देन होती है ,जिससे हम इस दुनिया की खूबसूरती को देख पाते हैं। यह दुनिया कितनी खूबसूरत है, वह देखने का मौका हमें यह आंखें ही देती हैं ।जरा सोचिए जिनके पास आंखें नहीं होती होगी। क्या उनका जीवन बेरंग होता होगा? क्या उनकी कोई ख्वाहिश नहीं होती होगी? जब आप किसी ऐसे अंधे इंसान को देखते हैं तो, आपके मन में क्या ख्याल आते होंगे।लेकिन दोस्तों उनकी भी बहुत सारी ख्वाहिशें होती हैं, वह भी अपनी जिंदगी हम लोगों की तरह ही जीते हैं ।उनकी जिंदगी में भी रंग होते हैं, शायद हमसे अलग होते होंगे ,पर वह भी हमारी तरह ही अपने सारे त्यौहार मनाना चाहते हैं ।और हमारी तरह ही सब है ।जिनके पास जिनके पास आंखें नहीं होती, वो दूसरों के दर्द को बहुत ही अच्छी तरह समझते हैं। जो हम आंखों से नहीं देख पाते वह ,वो लोग बिना आंखों के भी समझ जाते हैं ।ऐसी ही खुशियां बांटने का काम नेत्रहीन बच्चे जो ,कि चंडीगढ़ में रहने वाले हैं । लोगों के घर को मोमबत्ती रोशन कर रहे हैं।

नेत्रहीन बच्चे जो ,कि चंडीगढ़ में रहने वाले हैं । लोगों के घर को रोशन कर रहे हैं।
नेत्रहीन बच्चे जो ,कि चंडीगढ़ में रहने वाले हैं । लोगों के घर को रोशन कर रहे हैं।

कौन है ये बच्चे और कहां के हैं?

यह नेत्रहीन बच्चे जो की मोमबत्ती बनाते हैं, वह चंडीगढ सेक्टर 26 में रहने वाले हैं। ये स्कूल के नेत्रहीन बच्चे दीपावली से लगभग 2 महीने पहले से ही मोमबत्ती बनाना शुरु कर देते हैं, जिससे दिवाली आते-आते काफी सारे मोमबत्ती बन जाए। और यहां के लोगों का घर रौशन हो सके। लोग इनके हाथों से बनी हुई मोमबत्तियां बड़े ही शौक से खरीदते हैं। और इनके बीच प्यार बांटते हैं ।लोग इनसे मोमबत्तियां खरीदकर इन को आर्थिक सहायता प्रदान करते हैं। हमें भी ऐसे त्योहारों पर बड़े-बड़े दुकानों से नहीं ,बल्कि ऐसे ही जरूरत मंद लोगों से सामान खरीदना चाहिए ।ताकि वह भी अपने घर जाकर अच्छे से त्योहार मना सकें, और खुशियां मना सकें ।उनके घर में भी रोशनी हो ,जैसे वह हमारे घर को रोशन करते हैं। वहां के रहने वाले निवासी इन बच्चों से बहुत ही प्यार करते हैं ,और उनको इनसे बहुत ही ज्यादा लगाव है, ऐसा करके वह इन बच्चों के दिलों को जीत लेते हैं। और खुशियां बांटते हैं।

ये नेत्रहीन बच्चे भले ही इस दुःख से पीड़ित हो, लेकिन वे एक अनोखी मिसाल पेश कर रहे है
ये नेत्रहीन बच्चे भले ही इस दुःख से पीड़ित हो, लेकिन वे एक अनोखी मिसाल पेश कर रहे है

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समाज के लिए है अनोखी प्रेरणा

ये नेत्रहीन बच्चे भले ही इस दुःख से पीड़ित हो, लेकिन वे एक अनोखी मिसाल पेश कर रहे है। क्योकि ये नेत्रहीन है, या देखने में असक्षम है, उन्हें इस बात का कोई दुःख नहीं है। बल्कि ये जो मोमबत्ती बनाते है, उससे ओर लोगो के जीवन में रौशनी हो रही है।

ये जो मोमबत्ती बनाते है, उससे ओर लोगो के जीवन में रौशनी हो रही है।
ये जो मोमबत्ती बनाते है, उससे ओर लोगो के जीवन में रौशनी हो रही है।

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