भीख मांगकर ये दम्पत्ति करते थे गुज़ारा, भिखारी पति से नहीं देखी गयी पत्नी की परेशानी, भीख मांगकर खरीद ली मोपेड बाइक

कहते है की, प्रेम एक मोह है, जिसमे इंसान इतना अँधा हो जाता है, कि अपने जीवनसाथी के लिए हर मुश्किल से गुज़रता है।और फिर वह किसी भी हालत में ही क्यों न हो अथाह प्रेम की शक्ति की विजय होती है। और हर इंसान इसके अगर झुकता ज़रूर है इसलिए कहते है कि प्रेम सबसे बड़ा है। और सबसे मजबूत भी। प्रेम अगर सही नियत से किया जाय तो वह पूजनीय है , और अगर न किया जय। तो फिर मोह ही बनाकर रह जाता है , और आजकल के युवाओ के लिए इसकी कुछ और ही परिभाषा है। बहरहाल! आज हम प्रेम गाथा की यहाँ बात करने वाले है। वह थोड़ी सी अलग है। मध्य प्रदेश में एक भिखारी दम्पत्ति की ये कहानी है ,. जिसमे संतोष साहू नाम का ये भिखारी अपने पत्नी के दुःख को मिटाने के लिए मेहनत से 4 साल में में लगातार भीख मांगकर पैसा जमा करता है , और उसके लिए एक मोपेड बाइक खरीदकर लाता है।

मध्य प्रदेश के है ये भिखारी दमपत्ति
मध्य प्रदेश के है ये भिखारी दमपत्ति

मध्य प्रदेश के है ये भिखारी दमपत्ति

बता दे,. कि ये भिखारी दम्पत्ति मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा का रहने वाला है। और ये जोड़ा रोज़ सुबह जाकर भीख मांगकर अपना गुज़ारा चलाते है। लेकिन संतोष को ट्राईसाइकिल के सहारे चलना पड़ता है , क्योकि वो शारीरिक तौर से थोड़ा कमज़ोर है। इसीलिये उनकी पत्नी को उनके सहारा देकर चलाना पड़ता है।जिससे की उन्हें काफी परेशनी होती है।

 संतोष कुमा नाम का ये भिखारी ने लगातार चार महीने तक भीख  मांगी
संतोष कुमा नाम का ये भिखारी ने लगातार चार महीने तक भीख  मांगी

पत्नी की परेशानी देखकर ले ली मोपेड बाइक

बता दे कि, पत्नी की परेशानी को देखकर संतोष साहू ने लगातार 4 सालो तक भीख मांगकर 90 हज़ार जमा करके अपनी पत्नी को शोरूम मे साथ लेकर गए।और एक मोपेड बाइक खरीद ली थी। जिसके बाद उन्होने अपनी पत्नी को उस बाइक पर भी घुमया। वाकई ये प्रेम ही था उस पति का, जिसने उसे ये सब करने पर मजबूर कर दिया था।

पत्नी के लिए जमा किये 90 हज़ार रूपेय
पत्नी के लिए जमा किये 90 हज़ार रूपेय

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संतोष साहू पत्नी के लिए जमा किये 90 हज़ार रूपेय

हालाकि संतोष साहू नाम का ये भिखारी ने लगातार चार महीने तक भीख तो मांगी। साथ ही उसमे से खर्चा निकालकर उसमे से बचत के पैसे भी बचाया , और उसी में से उन्होंने करीब 90 हज़रत रुपए अलग से भी जोड़े। और बाइक खरीद दी।

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