23 साल के आशय भावे ने उठाया बीड़ा प्लास्टिक खत्म करने का, बना रहे है प्लास्टिक की थैलियों और बोतल से जुते, ब्रांड है-“थैली”

हम सभी जानते है कि, पॉलीथिन इस देश के लिए हानिकारक है। और कई सालो से इस देश में पॉलीथिन बैन होने के बावजूद भी इसका इस्तेमाल किया जा रहा है , और ये पृथिवी को अंदर से क्लझटं भी क्र रहे है। लेकिन बहुत से संघठन इसके लिए प्रयास रत है। और कई सालो से इस विषय में बहुत रिसर्च भी हो चुकी है, कि प्लास्टिक से दुनिया का पर्यावरण पर बहुत प्रभाव पडा है। और बहुत से लोग ये सब जानते बुझते हुए भी प्लासटिक का अंधाधुंध प्रयोग करते है। जिससे की देखते ही देखते रोज़ प्लास्टिक नुकसान करती जा रही है। और पृथवी का तापमान भी बढ़ता जा रहा है। जिसके करना जीवन भी दूभर हो गया है। ऐसे में सवाल है, कि हमारे आने वाली पीढ़ी का क्या होगा ? शायद इस सवाल से जूझते हुए आज की पीढ़ी भी प्रयास हो गयी है। आज हमे आपको एक ऐसे युवा की कहानी बताने जा रहे है , जिसे इस विश्व व्यापी समस्या को ही समाधान बना डाला। हम बात कर रहे है आशय वैभव की, जिन्होंने 23 साल की उम्र में एक ऐसा कमाल कर डाला जिसके बारे में सुनकर आप हैरान हो जाएंगे।

23 साल के इस युवा आशय वैभव ने प्लास्टिक का एक ऐसा समाधान निकाल दिया है
23 साल के इस युवा आशय वैभव ने प्लास्टिक का एक ऐसा समाधान निकाल दिया है

बना डाले प्लास्टिक के जुते

बता दे कि, 23 साल के इस युवा आशय वैभव ने प्लास्टिक का एक ऐसा समाधान निकाल दिया है। जिसे सुनकर आप सभी हैरान हो जायेंगे। दरसल वैभव ने प्लॉस्टिक से जूतों का निर्माण कर दिया है। और उन्होंने इस जुते का निर्माण को नाम दिया है “थैली” ब्रांड। वाकई ये आईडिया आप में बहुत ही अनोखा है , और वाकई समझने वाला भी है , क्योकि इससे मोजुदा प्लास्टिक का अच्छा खासा इस्तेमाल कर सकते है ।

आशय वैभव ये दावा करते है कि, वे करीब 11 प्लास्टिक की थैली से और प्लास्टिक बॉटल्स से जूते बना सकते है।
आशय वैभव ये दावा करते है कि, वे करीब 11 प्लास्टिक की थैली से और प्लास्टिक बॉटल्स से जूते बना सकते है।

आशय भावे करते है कुछ ऐसा दावा

बता दे कि, आशय वैभव ये दावा करते है कि, वे करीब 11 प्लास्टिक की थैली से और प्लास्टिक बॉटल्स से जूते बना सकते है। और और यही नहीं वो पर्यावरण संरक्षण के लिए बहुत गंभीरता से ले रहे है । और उन्होंने इस पृथ्वी को बचाने का बीड़ा अपने कंधो पर उठाया है। और खुद से इसके लिए प्रयासरत है।

आशय वैभव ने अपनी "थैली" की फेक्ट्री में उन्होंने करीब 170 लोगों को रोज़गार दे दिया है
आशय वैभव ने अपनी “थैली” की फेक्ट्री में उन्होंने करीब 170 लोगों को रोज़गार दे दिया है

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आशय भावे दिया है 170 लोगों को रोज़गार

आशय वैभव ने अपनी “थैली” की फेक्ट्री में उन्होंने करीब 170 लोगों को रोज़गार दे दिया है। वाकई एक देश बहुत तरक्की करता है। जब एक युवा तरक्की करता है , तो। और इसके लिए उनके इस काम की सराहना करना लाज़मी है।

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