किन्नर महिला संवार रही है, इन गरीब बच्चो की ज़िंदगी, मुफ्त में दे रही है शिक्षा, दे रही है समाज को सन्देश

जब मन में ठान लिया ,तो डर कैसा। जब आगे बढ़ना है ,तो फिर हार से बैठ जाना ,क्या अच्छा होता है भला। माना अपनी मंजिल तक पहुंचने में, दिक्कतों का सामना करना होता है ।समाज के ताने सुनने पड़ते हैं, तो कभी रातों में जगना पड़ता है। लेकिन जब अपनी राह पर अग्रसर होता है, तो कछुआ भी धीमी चाल चलते हुए भी जीत जाता है। ऐसी ही कहानी को सच करने वाले ,और हिम्मत दिखाने वाली लड़की के बारे में हम आज जानेंगे। जिनका नाम आलिया है ,कहते हैं ना जब हम कुछ सोच लेते हैं ,ठान लेते हैं तो हम करके रहते हैं। और जब ठान लिया तो ठान लिया। आलिया जो कि किन्रर ट्रांसजेंडर है ,लेकिन फिर भी इन्होंने बच्चों को पढ़ाने का काम करने का सोचा। उनके जीवन में रोशनी भरने का सोचा। जो दिक्कतें कभी उन्होंने अपनी जिंदगी में झेला था, वह नहीं चाहती कि आगे चलकर कोई भी बच्चा ऐसी दिक्कतों का सामना करें।

 आलिया जो कि ट्रांसजेंडर है ,लेकिन फिर भी इन्होंने बच्चों को पढ़ाने का काम करने का सोचा। उनके
आलिया जो कि ट्रांसजेंडर है ,लेकिन फिर भी इन्होंने बच्चों को पढ़ाने का काम करने का सोचा।

आइए जानते हैं आलिया किन्रर के बारे में

आलिया मिलिंद पवार, मुंबई के वसई क्षेत्र की रहनेवाली हैं। और विज्ञान विषय से स्नातक की डिग्री भी हासिल की है। आलिया को अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए बहुत सारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। लेकिन उन्होंने कभी भी हार नहीं मानी। और आगे बढ़ने का सोचा उन्होंने पहले 10वीं की, फिर 12वीं की परीक्षा पास किया। और जब उन्होंने स्नातक की डिग्री हासिल की, तो इन्होंने टीचर बनने का सोचा। कहीं भी सही से काम नहीं मिल रहा था। तब उन्होंने झुग्गियों के बच्चों को मुफ्त में पढ़ाना शुरू किया। आलिया की इस दरियादिली को देख सभी बहुत ही खुश है।

आलिया झुग्गियों के गरीब बच्चों को पढ़ाती हैं।
आलिया झुग्गियों के गरीब बच्चों को पढ़ाती हैं।

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आखिर क्या करती है आलिया?

आलिया झुग्गियों के गरीब बच्चों को पढ़ाती हैं। इनके ऊपर वह बहुत ही ज्यादा मेहनत करती है। और बहुत ही प्यार से पढ़ाती है। आज जिन बच्चों को यह पढ़ा रही है ,इनका मानना है कि कल को जाकर यह बच्चे किसी अच्छी पदवी पर होंगे। और समाज का कल्याण करेंगे। आज भी जहां ट्रांजेंडर को लोग बहुत ही गलत निगाहों से देखते हैं ,वही सरकार के कारण इनके हक के लिए कानून लागू किए हैं। अब किन्रर भी अपनी जिंदगी जी सकते हैं। इसमें उन्होंने साबित कर दिया कि, किन्नर का दिल सच में बड़ा होता है। और वह भी हमारे समाज का ही एक हिस्सा है ।ये हमारे समाज को बदलने में हम सबकी बराबर की भागीदारी कर सकती हैं।

 जहां ट्रांजेंडर को लोग बहुत ही गलत निगाहों से देखते हैं ,वही सरकार के कारण इनके हक के लिए कानून लागू किए हैं।
जहां ट्रांजेंडर को लोग बहुत ही गलत निगाहों से देखते हैं ,वही सरकार के कारण इनके हक के लिए कानून लागू किए हैं।

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