विधवाओं के जीवन में रंग भरने वाला महाआयोजन वृन्दावन में खेली गई ऐतिहासिक होली

उत्तरप्रदेश भगवान् राम और भगवान् कृष्ण से जुडी हुई उनकी जन्म और कर्म भूमि हे। इस वजह से यहां पर ऐतिहासिक अनमोल विरासतों को यह प्रदेश स्वयं में समेटे हुए हे। यहां पर वृन्दावन श्री कृष्ण भक्तों के लिए पुण्य धाम हे जहां पर देश विदेश से भगवान् कृष्ण के भक्त आते हैं जो यहां पर आकर खुद को आनंदित महसूस करते हैं। जिनमे से कुछ तो ऐसे हैं जो यही से साधुमय जीवन की शुरुआत भी कर लेते हैं(वृन्दावन में खेली गई ऐतिहासिक होली)।

वृन्दावन में हुआ ऐतिहासिक निर्णय

वृन्दावन की विधवा महिलायें
वृन्दावन की विधवा महिलायें

इस स्थान पर अनेकों धर्म कर्म के कार्य होते हैं जिसकी वजह से यहां पर अनेकों सेवाभावी आश्रमों का भी निर्माण हुआ हे। जिनमे कुछ विधवा आश्रम भी हैं जो अभी तक होली खेलने से परहेज करते आ रहे थे लेकिन इस बार यह परम्परा टूट गई यहां पर डॉ बिंदेश्वर नाम के आदमी ने महिलाओं को होली मनाने को प्रेरित किया। जिसपर सभी महिलाओं की स्वीकृति बन गई और इस बार से नयी परम्परा की शुरुआत हुई जिसने विधवाओं के जीवन में सहजता के रंग बिखेर दिए।

वृन्दावन में होली
वृन्दावन में होली

यहां पर सुप्रीम कोर्ट की भूमिका भी महत्वपूर्ण हे जिससे उन्हें यह अवसर प्राप्त हुआ और उनकी भावनाओं को समझा गया जिसको लेकर वहाँ की विधवा महिलायें खुश हैं उन्होंने इस पहली होली  पर अपने निवास को रंगीन गुलाल फूलों से सजाया और कई तरह की आकृतियों को भी उकेरा वृन्दावन में खेली गई ऐतिहासिक होली।

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वृन्दावन में विधवाओं के जीवन में आयी खुशहाली

महिलाओं में उत्साह
महिलाओं में उत्साह

इस विशेष आयोजन के लिए कई सामाजिक संस्थाएं आगे आयी जिन्होंने इस चली आ रही रूढ़ीवादी परम्परा को समाप्त करने के लिए संघर्ष किया और उन्हें जब सफलता मिल चुकी हे तब इन्होने होली के मोके पर कार्यक्रमों का आयोजन किया जिनमे तरह तरह के गीत संगीत के कार्यक्रम थे जिन्हें देख महिलायें काफी उत्साहित नजर आयी और इस मोके पर इन महिलाओं ने आपस में मिठाइयां बांटी ।

कुछ महिलाओं से वार्ता करने पर पता चला कि महिलायें होली के मोके पर अपने पसंद की पोसाक भी नहीं पहन पाती थी जिसकी वजह से यहां की महिलायें अपनी इच्छाओं को ख़त्म कर देती थी और इसी नीरस जीवन में संतोष कर लेती थी जिसमे वे त्यौहार को मनमर्जी से सेलीब्रेट नहीं कर पाती थी। लेकिन अब इन महिलाओं की इच्छानुरूप वे राधारानी और भगवान् श्री कृष्ण के संग होली का त्यौहार मनाएंगे जो उन्हें अपने आराध्य से जोड़ेगा इस अवसर पर महिलाओं में जो उत्साह था वो देखने लायक था जिससे उनकी इच्छों में बड़ी उम्मीद जगी हे जो उनकी जिंदगी को रंगीन और खुशहाल बनाएगी। हमारे इस आर्टिकल को पढ़ने के लिए आप सबका धन्यवाद और इस प्रकार की ओर भी रोचक खबरे जानने के लिए हमारी वेबसाइड ”Samchar buddy” से जुड़े रहे।

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