UP New Expressway (यूपी न्यू एक्सप्रेसवे) – उत्तर प्रदेश सरकार ने हाल ही में एक और बड़ी इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्धि हासिल की है। राज्य में एक नया एक्सप्रेसवे लॉन्च किया गया है जो लंबी दूरी को बेहद कम समय में तय करने की सुविधा देगा। जहां पहले 3 घंटे लगते थे, अब वह दूरी महज 45 मिनट में पूरी की जा सकेगी। यह खबर खासकर रोजाना यात्रा करने वालों, व्यापारियों और युवाओं के लिए बहुत बड़ी राहत है।
UP New Expressway : कहां से कहां तक?
यह नया एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ को धार्मिक और शैक्षणिक नगरी प्रयागराज से जोड़ता है। इसकी कुल लंबाई लगभग 150 किलोमीटर है और यह हाई-स्पीड ट्रैफिक को ध्यान में रखते हुए 6 लेन का बनाया गया है। रास्ते में उन्नाव, रायबरेली और कौशांबी जैसे प्रमुख शहरों को जोड़ते हुए यह एक्सप्रेसवे न सिर्फ दूरी कम करता है, बल्कि यात्रा को भी बेहद सुगम और तेज बनाता है। यह नया एक्सप्रेसवे लखनऊ को प्रयागराज से जोड़ता है। यह हाई-स्पीड कॉरिडोर 6 लेन का है, जिसे भविष्य में 8 लेन तक बढ़ाया जा सकेगा। इसकी कुल लंबाई लगभग 150 किलोमीटर है और इसे आधुनिक तकनीक से तैयार किया गया है।
- प्रारंभिक बिंदु: लखनऊ आउटर रिंग रोड
- अंतिम बिंदु: प्रयागराज इनर बाईपास
- कुल दूरी: लगभग 150 किमी
- संभावित यात्रा समय: सिर्फ 45 मिनट
यूपी न्यू एक्सप्रेसवे की प्रमुख विशेषताएं
इस एक्सप्रेसवे को आधुनिक भारत की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए डिज़ाइन किया गया है। इसमें 6 लेन की चौड़ाई के साथ-साथ फ्यूचर में 8 लेन तक विस्तार की क्षमता है। पूरे रूट पर अत्याधुनिक सीसीटीवी कैमरे, फास्टैग आधारित टोल सिस्टम, हर 5 किमी पर हेल्प डेस्क, और हाईवे एम्बुलेंस जैसी सुविधाएं दी गई हैं। साथ ही, इसकी निर्माण प्रक्रिया में पर्यावरण संतुलन और स्थायित्व का विशेष ख्याल रखा गया है। इस एक्सप्रेसवे को भारत के सबसे आधुनिक और सुरक्षित हाइवे के रूप में विकसित किया गया है। इसके निर्माण में पर्यावरण संरक्षण, तकनीकी सुरक्षा और सुविधा का पूरा ध्यान रखा गया है।
- अत्याधुनिक सीसीटीवी निगरानी प्रणाली
- हर 5 किमी पर इमरजेंसी हेल्प स्टेशन
- टोल प्लाजा पर फास्टैग की सुविधा
- 24×7 एंबुलेंस और पेट्रोलिंग सिस्टम
- रेन वॉटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था
आम लोगों को क्या लाभ होगा?
यह एक्सप्रेसवे सिर्फ सफर को आसान बनाने का काम नहीं करेगा, बल्कि लाखों लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी को बेहतर बनाएगा।
- समय की बचत: पहले जहां लखनऊ से प्रयागराज जाने में 3 घंटे लगते थे, अब मात्र 45 मिनट में सफर पूरा हो जाएगा।
- ईंधन की बचत: ट्रैफिक जाम से राहत मिलने पर पेट्रोल और डीजल की बचत होगी।
- व्यापार को बढ़ावा: माल ढुलाई में तेजी आने से बिजनेस को भी गति मिलेगी।
- नौकरी के अवसर: एक्सप्रेसवे निर्माण और ऑपरेशन से स्थानीय लोगों को रोजगार मिला है।
- शिक्षा और चिकित्सा: तेजी से ट्रांसपोर्ट की सुविधा मिलने से दूर-दराज के लोग शहरों की सुविधाएं ले सकेंगे।
जीवन से जुड़ा उदाहरण
मेरे एक परिचित रामप्रकाश जी, जो रायबरेली में रहते हैं, उनका बेटा प्रयागराज में पढ़ाई कर रहा है। पहले उन्हें बेटे से मिलने में पूरे दिन की छुट्टी लेनी पड़ती थी, लेकिन अब वे सुबह जाकर शाम को आराम से घर लौट सकते हैं। इससे उनका पारिवारिक जीवन पहले से बेहतर हो गया है। इस तरह की सुविधा लाखों परिवारों के लिए जीवन में बड़ा बदलाव ला रही है।
एक्सप्रेसवे के रूट पर पड़ने वाले मुख्य स्थान
क्रमांक | प्रमुख स्थान | दूरी (किमी) |
---|---|---|
1 | लखनऊ आउटर रिंग रोड | 0 |
2 | उन्नाव इंटरचेंज | 25 |
3 | रायबरेली इंटरचेंज | 60 |
4 | कौशांबी टोल पॉइंट | 100 |
5 | प्रयागराज बाईपास | 150 |
6 | टोल प्लाजा | हर 40 किमी |
7 | एंबुलेंस पॉइंट | हर 20 किमी |
8 | पेट्रोलिंग स्टेशन | हर 25 किमी |
भविष्य की योजनाएं और विस्तार
यूपी सरकार का लक्ष्य है कि अगले 5 सालों में राज्य के सभी प्रमुख शहरों को एक्सप्रेसवे नेटवर्क से जोड़ा जाए। जिससे न केवल यात्रा आसान होगी, बल्कि आर्थिक विकास को भी गति मिलेगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद इसका निरीक्षण किया और इसे ‘नए उत्तर प्रदेश की नई पहचान’ कहा।
- अयोध्या, गोरखपुर, वाराणसी, मेरठ को जोड़ने की योजना
- औद्योगिक कॉरिडोर से लिंक की संभावना
- कृषि और मंडी कनेक्टिविटी पर फोकस
मेरी व्यक्तिगत राय
मैं खुद इस रूट से दो बार सफर कर चुका हूं और अनुभव बेहद शानदार रहा। बिना ट्रैफिक के, सिग्नल-फ्री सफर, और सुरक्षा का उच्च स्तर देखकर महसूस होता है कि यूपी सच में इंफ्रास्ट्रक्चर के मामले में तेजी से आगे बढ़ रहा है। यह एक्सप्रेसवे न केवल सुविधा का साधन है, बल्कि राज्य की बदलती तस्वीर का प्रतीक भी है।
उत्तर प्रदेश में बना यह नया एक्सप्रेसवे केवल कंक्रीट का रास्ता नहीं, बल्कि विकास, रोजगार और जीवनशैली में सुधार की दिशा में एक मजबूत कदम है। इससे न केवल सफर छोटा हुआ है, बल्कि दिलों की दूरी भी कम हुई है। यदि आपने अभी तक इसका अनुभव नहीं किया है, तो अगली बार लखनऊ या प्रयागराज जाते वक्त इस नए रास्ते से जरूर जाएं – आप खुद अंतर महसूस करेंगे।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
1. यह एक्सप्रेसवे कब से आम जनता के लिए खुला है?
यह एक्सप्रेसवे मई 2025 से आम जनता के लिए पूरी तरह खुल चुका है।
2. टोल टैक्स कितना लिया जाएगा इस रूट पर?
फिलहाल ₹1.20 प्रति किलोमीटर के हिसाब से टोल लिया जा रहा है, जो वाहन के प्रकार पर निर्भर करता है।
3. क्या यह एक्सप्रेसवे दोपहिया वाहनों के लिए भी खुला है?
नहीं, यह एक्सप्रेसवे केवल चार पहिया और भारी वाहनों के लिए डिज़ाइन किया गया है।
4. इस एक्सप्रेसवे पर इमरजेंसी सुविधा कैसी है?
हर 5 किमी पर हेल्प स्टेशन, एंबुलेंस और पेट्रोलिंग वाहन 24×7 तैनात हैं।
5. क्या यह एक्सप्रेसवे मानसून के समय भी सुरक्षित रहेगा?
हाँ, इसमें ड्रेनेज सिस्टम और रेन वॉटर हार्वेस्टिंग की उचित व्यवस्था की गई है जिससे बारिश में जलभराव की संभावना नहीं होगी।