CBDT New Announcement – अगर आपने कभी समय पर ITR फाइल नहीं किया, या कोई जरूरी जानकारी छूट गई हो, तो अब परेशान होने की जरूरत नहीं है। CBDT यानी केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने टैक्सपेयर्स को एक बड़ी राहत देते हुए Income Tax Return (ITR) अपडेट करने की समय सीमा को 2 साल से बढ़ाकर 4 साल कर दिया है। यह फैसला उन करोड़ों टैक्सदाताओं के लिए बेहद फायदेमंद साबित होगा जो किसी तकनीकी गलती, जानकारी के अभाव या असावधानी के कारण समय पर सही रिटर्न फाइल नहीं कर पाए थे। यह बदलाव सिर्फ नियमों की सुविधा नहीं है, बल्कि सरकार की तरफ से यह भरोसा भी है कि सही जानकारी देने का अवसर हर नागरिक को मिलना चाहिए। इससे टैक्स सिस्टम में पारदर्शिता बढ़ेगी और ईमानदार टैक्सपेयर्स को राहत मिलेगी।
CBDT New Announcement क्या है?
CBDT के नए नियम के तहत अब टैक्सपेयर्स को ITR अपडेट करने के लिए 4 साल तक का समय मिलेगा। पहले यह समय सीमा सिर्फ 2 साल थी। इस बदलाव से अब लोग अपनी पुरानी टैक्स गलतियों को सुधार सकेंगे और पेनल्टी से भी बच सकेंगे। CBDT ने Income Tax Act में एक महत्वपूर्ण बदलाव किया है, जिसके तहत अब टैक्सपेयर्स को ITR अपडेट करने के लिए 4 साल का समय मिलेगा। पहले यह समय सीमा केवल 2 साल थी। इस नए नियम के लागू होने से वे लोग जो किसी कारणवश समय पर ITR अपडेट नहीं कर पाए थे, उन्हें अब एक और मौका मिलेगा।
पहले क्या था नियम?
- पहले ITR अपडेट करने की समय सीमा 2 साल थी।
- टैक्सपेयर्स केवल एक बार अपडेट कर सकते थे।
- गलती सुधारने या नई इनकम जोड़ने के लिए सीमित विकल्प थे।
अब क्या बदला?
- अब टैक्सपेयर्स के पास 4 साल तक का समय रहेगा।
- इस समय में ITR में बदलाव, नई जानकारी जोड़ना या गलतियों को सुधारना संभव होगा।
- टैक्स न देने की स्थिति में भी लोग अब सही जानकारी देकर पेनल्टी से बच सकते हैं।
यह सुविधा किन्हें सबसे ज्यादा फायदा देगी?
यह सुविधा उन टैक्सपेयर्स के लिए सबसे ज्यादा फायदेमंद है जो समय पर ITR फाइल नहीं कर पाए थे या जिनसे रिटर्न भरते समय कोई गलती हो गई थी। छोटे व्यापारी, नौकरीपेशा लोग और रिटर्न में आय या निवेश की जानकारी छूट जाने वाले लोग इसका लाभ उठा सकते हैं।
इस फैसले से उन टैक्सपेयर्स को सबसे अधिक लाभ मिलेगा:

- जो समय पर ITR फाइल नहीं कर पाए।
- जिनसे रिटर्न में गलती हो गई थी।
- जिनकी इनकम में बदलाव हुआ लेकिन वह अपडेट नहीं हो पाई।
- जिनकी टैक्स जानकारी अधूरी या गलत दर्ज हुई थी।
उदाहरण से समझिए:
- राजेश, एक छोटे शहर में बिजनेस चलाते हैं। साल 2021-22 में उन्होंने रिटर्न नहीं भरा क्योंकि उन्हें लगता था कि टैक्स सीमा से नीचे उनकी कमाई है। लेकिन अब, 2025 में जब उन्होंने CA से सलाह ली, तो पता चला कि उन्हें टैक्स भरना था। नए नियम के तहत अब वह 2021-22 का रिटर्न भर सकते हैं।
- संगीता, एक नौकरीपेशा महिला हैं। उन्होंने एक FD से हुई ब्याज इनकम अपने रिटर्न में नहीं जोड़ी थी। पुराने नियम में वो गलती सुधारने का समय निकल चुका था, लेकिन अब 4 साल के नियम से वह अपनी गलती सुधार सकती हैं।
इस बदलाव के पीछे सरकार की मंशा
सरकार का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि अधिक से अधिक लोग ईमानदारी से टैक्स फाइल करें। कई बार लोग जानबूझकर नहीं, बल्कि अनजाने में गलतियां कर बैठते हैं। अगर उन्हें सुधारने का मौका दिया जाए, तो टैक्स सिस्टम और ज्यादा पारदर्शी और प्रभावी बन सकता है।
इससे क्या होंगे फायदे?
- टैक्स कलेक्शन में पारदर्शिता बढ़ेगी।
- टैक्सपेयर्स में विश्वास बढ़ेगा।
- गलती करने पर भी राहत मिलेगी, जिससे लोग डर के बजाय सुधार की ओर प्रेरित होंगे।
रिटर्न अपडेट करने की प्रक्रिया
अगर आप अपना ITR अपडेट करना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको इन स्टेप्स को फॉलो करना होगा:
- पहले पुराने ITR की कॉपी देखें।
- यह चेक करें कि आपने कौन सी जानकारी गलत या अधूरी दी थी।
- इनकम टैक्स वेबसाइट पर लॉगइन करें।
- “Updated Return” का विकल्प चुनें।
- आवश्यक जानकारी भरें और जमा करें।
- अगर अतिरिक्त टैक्स बनता है, तो उसे भरें।
कुछ जरूरी बातें ध्यान रखने योग्य
- केवल उन्हीं मामलों में अपडेट किया जा सकता है जहां पेंडिंग स्क्रूटिनी न हो।
- अगर कोई मामला जांच में है तो अपडेट की सुविधा नहीं मिलेगी।
- अपडेटेड रिटर्न में गलत जानकारी देना अपराध की श्रेणी में आएगा।
- हर अपडेटेड रिटर्न पर अलग से पेनल्टी या अतिरिक्त टैक्स लग सकता है।
टैक्सपेयर्स के लिए क्या सावधानियां जरूरी हैं?
- हर साल अपना फॉर्म-26AS और AIS जरूर जांचें।
- अगर कोई इनकम छूट जाए तो अगले साल अपडेट करने का विकल्प सोचें।
- विशेषज्ञों की मदद लें ताकि कोई तकनीकी गलती न हो।
मेरा निजी अनुभव
पिछले साल मैंने एक क्लाइंट का केस देखा था, जो NRI होने के कारण इंडिया की सैलरी को रिटर्न में शामिल नहीं कर पाया। जब उसे नोटिस आया तो काफी घबरा गया। लेकिन नए नियम लागू होने से अब वह 4 साल पुराना रिटर्न अपडेट कर सका और पेनल्टी से बच गया। ऐसे मामलों में यह नियम एक बड़ी राहत है।
CBDT का यह कदम टैक्सपेयर्स को राहत देने और टैक्स सिस्टम को ज्यादा सहज बनाने की दिशा में एक बड़ा प्रयास है। अब टैक्सपेयर्स को यह डर नहीं रहेगा कि अगर गलती हो गई तो उसे सुधारने का मौका नहीं मिलेगा। इस नए बदलाव से आम जनता का भरोसा टैक्स सिस्टम पर और मजबूत होगा।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
1. क्या सभी टैक्सपेयर्स 4 साल पुराना ITR अपडेट कर सकते हैं?
हाँ, अगर वह स्क्रूटिनी या जांच के दायरे में नहीं है तो कर सकते हैं।
2. क्या अपडेटेड रिटर्न पर पेनल्टी लगेगी?
हाँ, कुछ मामलों में पेनल्टी और अतिरिक्त टैक्स देय होगा।
3. एक ITR को कितनी बार अपडेट किया जा सकता है?
प्रत्येक असेसमेंट ईयर के लिए केवल एक बार अपडेटेड रिटर्न फाइल किया जा सकता है।
4. क्या मैं अपडेटेड रिटर्न ऑनलाइन भर सकता हूँ?
हाँ, आयकर विभाग की आधिकारिक वेबसाइट के जरिए इसे ऑनलाइन भरा जा सकता है।
5. क्या नए नियम तुरंत लागू हो गए हैं?
हाँ, यह नियम तुरंत प्रभाव से लागू किए गए हैं और अब से सभी टैक्सपेयर्स इसका लाभ ले सकते हैं।