द्रौपदी के जीवन के ये 7 रहस्‍य चौंका देंगे आपको, पढ़कर देखिए

द्रौपदी को पांचाली यज्ञसेनी , महाभारती और सैरंध्री के नाम से भी जाना जाता है।द्रौपदी का चरित्र अनोखा है। पूरी दुनिया के इतिहास में उस जैसी दूसरी कोई स्त्री नहीं हुई। महाभारत में द्रौपदी के साथ जितना अन्याय होता दिखता है, उतना अन्याय इस महाकथा में किसी अन्य स्त्री के साथ नहीं हुआ। द्रौपदी संपूर्ण नारी थी।द्रौपदी के बारे में कुछ ऐसी बातें जिसके बारे में किसी को नहीं पता-द्रौपदी के पांच के बजाय 14 पति हो सकते थे ऐसी कहानियाँ सुनने में आती हैं कि द्रौपदी अपने पूर्व जन्म में ऐसा पति चाहती थी जिसमें 14 गुण हों। भगवान शिव ने उसे वरदान दिया था। परंतु किसी भी एक व्यक्ति में ये 14 गुण न मिलने के कारण उन्होंने उससे कहा कि वह उन पांच व्यक्तियों की पत्नी बनेगी जिनमें सामूहिक रूप से ये 14 गुण होंगे। द्रौपदी ने भगवान शिव से कहा कि उसे ऐसा पति प्रदान करें जिसमें वे सभी श्रेष्ठ 5 गुण हों जो एक पुरुष में होने चाहिए: धर्म, शक्ति, धनुर्विद्या का कौशल, दिखने में सुन्दर, धैर्य आदि।

द्रौपदी के अग्नि से उत्पन्न होने के बावजूद उन्हें भाई बहन माना जाता है।
द्रौपदी के अग्नि से उत्पन्न होने के बावजूद उन्हें भाई बहन माना जाता है।

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द्रौपदी का कभी बचपन नहीं था

द्रौपदी के पिता तथा पांचाल के राजा द्रुपद ने द्रौपदी का निर्माण केवल एक ही उद्देश्य से किया था, कुरु राजवंश को नष्ट करने के उद्देश्य से। ऐसा इसलिए क्योंकि कुरु राजवंश ने द्रोण को संरक्षण दिया था जिन्होंने (द्रोण ने) अपने शिष्यों पांडवों और कौरवों की सहायता से पांचाल पर विजय प्राप्त की थी तथा पांचाल का विभाजन किया था। अत: द्रौपदी एक वयस्क के रूप में ही उत्पन्न हुई जिसे न तो बचपन मिला न पालन पोषण।

जब पांडव अपने अज्ञात वास के अंतिम वर्ष में थे
जब पांडव अपने अज्ञात वास के अंतिम वर्ष में थे

काली का अवतार

दक्षिण भारत में ऐसा माना जाता है कि द्रौपदी काली का एक अवतार थी जिसका जन्म सभी अभिमानी राजाओं के विनाश हेतु भगवान कृष्ण (जो भगवान विष्णु का एक अवतार थे, जो देवी पार्वती के भाई थे) की सहायता करने के लिए हुआ था। यही कारण है द्रौपदी के अग्नि से उत्पन्न होने के बावजूद उन्हें भाई बहन माना जाता है।

भगवान कृष्ण (जो भगवान विष्णु का एक अवतार थे, जो देवी पार्वती के भाई थे) की सहायता करने के लिए हुआ था।
भगवान कृष्ण (जो भगवान विष्णु का एक अवतार थे, जो देवी पार्वती के भाई थे) की सहायता करने के लिए हुआ था।

द्रौपदी को अपने पतियों पर विश्वास नहीं था

द्रौपदी प्रतिशोध के लिए चिल्लाई परंतु उसे संदेह था कि उसके पति उसके अपमान का बदला लेंगे। उसके आपस संदेह करने के लिए कारण था। उन्होंने अपनी बहन के पति जयद्रथ का वध नहीं किया जबकि जयद्रथ ने ही अपने रथ पर बिठाकर उसे घर से बाहर यह कहते हुए निकाला था कि वह उसे अपनी रखैल बनाएगा। उसी पराक्र जब पांडव अपने अज्ञात वास के अंतिम वर्ष में थे तब उन्होंने इस डर से कीचक का वध नहीं किया कि कोई उन्हें पहचान न ले।

द्रौपदी को अपने पतियों पर विश्वास नहीं था
द्रौपदी को अपने पतियों पर विश्वास नहीं था

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चीर हरण के समय दुर्वासा ऋषि द्वारा द्रौपदी को बचाने के पीछे भी एक रोचक कहानी है। शिव पुराण के अनुसार ऋषि दुर्वासा ने द्रौपदी को एक वरदान दिया था जिसने चीर हरण के समय द्रौपदी के रक्षा की। एक कहानी के अनुसार एक बार ऋषि दुर्वासा की लंगोटी गंगा नदी में बह गयी । तब द्रौपदी ने शीघ्र अपने वस्त्र का एक कपड़ा फाड़कर उन्हें ढांकने के लिए दिया। तब ऋषि ने उसे वरदान दिया जिसका उपयोग तब हुआ जब दुशासन ने द्रौपदी को नग्न करने का प्रयत्न किया और कपड़े की एक न अंत होने वाली पट्टी ने द्रौपदी की रक्षा की।

क्या द्रौपदी को ऋषि दुर्वासा ने बचाया था?
क्या द्रौपदी को ऋषि दुर्वासा ने बचाया था?

द्रौपदी ने घटोत्कच को शाप दिया

जब घटोत्कच पहली बार अपने पिता के राज्य में आया तो अपनी मां (हिडिम्बा) की आज्ञा के अनुसार उसने द्रौपदी को कोई सम्मान नहीं दिया। द्रौपदी को अपमान महसूस हुआ और उसे बहुत गुस्सा आया। वह उस पर चिल्लाई कि वह एक विशिष्ट स्त्री है, वह युधिष्ठिर की रानी है, वह ब्राह्मण राजा की पुत्री है तथा उसकी प्रतिष्ठा पांडवों से कहीं अधिक है। और उसने अपनी दुष्ट राक्षसी मां के कहने पर बड़ों, ऋषियों और राजाओं से भरी सभा में उसका अपमान किया

द्रौपदी ने घटोत्कच को एक भयानक शाप दिया
द्रौपदी ने घटोत्कच को एक भयानक शाप दिया

हिडिम्बा का बदला

द्रौपदी ने घटोत्कच को एक भयानक शाप दिया कि उसका जीवन बहुत छोटा होगा तथा वह बिना किसी लड़ाई के मारा जाएगा – जो एक क्षत्री के लिए भयानक स्थिति होती है। जब हिडिम्बा ने द्रौपदी के शाप के बारे में सुना तो वह स्वयं को नियंत्रित नहीं कर पाई। वह उसके पास गयी और उसे एक नीच और पापी औरत कहा। गुस्से में हिडिम्बा ने द्रौपदी के बच्चों को शाप दिया तथा दो रानियों पांडव वंश को लगभग ख़त्म कर दिया।

हिडिम्बा का बदला
हिडिम्बा का बदला

द्रौपदी के विभिन्न अवतार

नारद पुराण और वायु पुराण के अनुसार द्रौपदी देवी श्यामला (धर्म की पत्नी),नारद पुराण और वायु पुराण के अनुसार द्रौपदी देवी श्यामला (धर्म की पत्नी), भारती (वायु की पत्नी), शचि (इंद्र की पत्नी), उषा (अश्विन की पत्नी) और पार्वती (शिव की पत्नी) का संयुक्त अवतार थी। पहले के अवतारों में उसने वेदवती के रूप में जन्म लिया था जिसने रावण को शाप दिया था।

द्रौपदी के अग्नि से उत्पन्न होने के बावजूद उन्हें भाई बहन माना जाता है।
द्रौपदी के अग्नि से उत्पन्न होने के बावजूद उन्हें भाई बहन माना जाता है।

इसके पश्चात उसने सीता के रूप में जन्म लिया जो रावण की मृत्यु का कारण बनी। उसका तीसरा अवतार आंशिक था या तो दमयंती या उसकी पुत्री नालायनी। पांचवां अवतार द्रौपदी स्वयं थी हमारे इस आर्टिकल को पढ़ने के लिए आप सबका धन्यवाद और इस प्रकार की ओर भी रोचक खबरे जानने के लिए हमारी वेबसाइड Samchar buddy से जुड़े रहे।

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