वैज्ञानिक भी नहीं खोल पाए भारत के इन 5 बेहद रहस्यमय मंदिर का राज

भारत के 5 सबसे रहस्मयी मंदिर आध्यात्म और साधना का केंद्र माना जाता है। यहां पर कई प्राचीन मंदिर हैं जिनका विशेष महत्व है। इनमें से कई मंदिर बेहद चमत्कारिक और रहस्यमयी हैं। देवी-देवताओं में आस्था रखने वाले लोग इसे भगवान की कृपा मानते हैं, तो वहीं अन्य लोगों के लिए यह आश्चर्य का विषय है। आईए आपको बताते हैं भारत के रहस्यमयी मंदिर के बारे में जिनका रहस्य आज तक वैज्ञानिक भी नहीं सुलझा पाए हैं।यह ज्वाला महाकाली, अन्नपूर्णा, चंडी, हिंगलाज, विन्ध्यवासिनी, महालक्ष्मी, सरस्वती, अम्बिका और अंजी देवी की रूप है।

हिमाचल प्रदेश के कालीधार पहाड़ी के बीच माता ज्वाला देवी का प्रसिद्ध ज्वालामुखी मंदिर
हिमाचल प्रदेश के कालीधार पहाड़ी के बीच माता ज्वाला देवी का प्रसिद्ध ज्वालामुखी मंदिर(भारत के सबसे रहस्मयी मंदिर,)

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भारत के 5 बेहद रहस्यमय मंदिर

मां कामाख्या देवी मंदिर

मां कामाख्या देवी का मंदिर असम में राजधानी गुवाहाटी के नजदीक स्थित है। यह चमात्कारिक मंदिर मां भगवती के 51 शक्तिपीठों में शामिल हैं। लेकिन प्राचीन मंदिर में देवी भगवती की एक भी मूर्ति नहीं है। पौराणिक कथाओं के मुताबिक, जब भगवान विष्णु ने सुदर्शन चक्र से मां सती के शव को काटा था, तो कामाख्या में उनके शरीर का एक भाग गिरा था। जहां-जहां माता सती के अंग गिरे थे वह जगह शक्तिपीठ कहलाती है। यहां पर कोई मूर्ति नहीं है मां सती के शरीर के अंग की पूजा की जाती है।

कामाख्या में मां सती के शरीर के अंग की पूजा की जाती है।
कामाख्या में मां सती के शरीर के अंग की पूजा की जाती है।(भारत के  सबसे रहस्मयी मंदिर,)

ज्वालामुखी मंदिर

हिमाचल प्रदेश के कालीधार पहाड़ी के बीच माता ज्वाला देवी का प्रसिद्ध ज्वालामुखी मंदिर है। हिंदू मान्यताओं के मुताबिक, यहां पर माता सती की जीभ गिरी थी। मान्यताओं के मुताबिक, माता सती के जीभ के प्रतीक के तौर पर ज्वालामुखी मंदिर में धरती से ज्वाला निकलती है। यह ज्वाला नौ रंग की होती है।

माता सती के जीभ के प्रतीक के तौर पर ज्वालामुखी मंदिर में धरती से ज्वाला निकलती है
माता सती के जीभ के प्रतीक के तौर पर ज्वालामुखी मंदिर में धरती से ज्वाला निकलती है(भारत के सबसे रहस्मयी मंदिर,)

करणी माता मंदिर

करणी माता का मंदिर राजस्थान के बीकानेर जिले के देशनोक में स्थित है। यह चूहों वाली माता का मंदिर के नाम देशभर में प्रसिद्ध है। करणी माता के मंदिर में अधिष्ठात्री देवी की पूजा की जाती है। अधिष्ठात्री देवी के मंदिर में चूहों का साम्राज्य है। यहां पर करीब 2500 हजार चूहे मौजूद हैं। यहां पर मौजूद चूहे अधिकतर काले रंग के हैं। इनमें कुछ सफेद और काफी दुर्लभ प्रजाति के हैं।

यह चूहों वाली माता का मंदिर के नाम देशभर में प्रसिद्ध है। करणी माता का मंदिर
यह चूहों वाली माता का मंदिर के नाम देशभर में प्रसिद्ध है। करणी माता का मंदिर

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महेंदीपुर बालाजी मंदिर भी राजस्थान में है। यह चमात्कारिक मंदिर राज्य के दौसा जिले में स्थित है। मेहंदीपुर बालाजी धाम हनुमान जी के 10 प्रमुख सिद्धपीठों में शामिल है। माना जाता है कि यहां पर भगवान हनुमान जागृत अवस्था में विराजमान हैं। बताया जाता है कि जिन लोगों के ऊपर भूत-प्रेत और बुरी आत्मा का साया होता है।

मेहंदीपुर बालाजी धाम हनुमान जी के 10 प्रमुख सिद्धपीठों में शामिल है
मेहंदीपुर बालाजी धाम हनुमान जी के 10 प्रमुख सिद्धपीठों में शामिल है

काल भैरव मंदिर

मध्य प्रदेश के उज्जैन में भगवान काल भैरव का प्राचीन मंदिर स्थित है। यह मंदिर उज्जैन शहर से 8 किमी दूरी पर है। परंपराओं के मुताबिक, भगवान कालभैरव को भक्त सिर्फ शराब चढ़ाते हैं।

भगवान कालभैरव को भक्त सिर्फ शराब चढ़ाते हैं।
भगवान कालभैरव को भक्त सिर्फ शराब चढ़ाते हैं।

भारत के रहस्मयी मंदिर सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि शराब के प्याले को काल भैरव की प्रतिमा के मुख से जैसे ही लगाते हैं,हमारे इस आर्टिकल को पढ़ने के लिए आप सबका धन्यवाद और इस प्रकार की ओर भी रोचक खबरे जानने के लिए हमारी वेबसाइड Samchar buddy .com से जुड़े रहे।

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