गायक बनना चाहते थे इफ्तिखार, लेकिन ‘इत्तेफाक’ से बन गए फिल्मी पुलिस ऑफिसर जिसमे उनके किरदार बड़े दमदार रहे

फिल्मों में पुलिस का किरदार निभाने पर अभिनेता इफ्तिखार फख्र महसूस करते थे। ‘भागने की कोशिश मत करना। हमने तुम्हें चार तरफ से घर लिया है। भलाई इसी में है कि तुम अपने आप को कानून के हवाले कर दो।’ शांत लहजे में बोला गया इफ्तिखार का डायलॉग आज भी लोगों को याद है। फिल्मों में अब तक न जाने कितने ही अभिनेताओं ने पुलिस का किरदार निभाया है, लेकिन आज भी जिन्हें हम पुलिस की वर्दी में याद करते हैं…वह हैं इफ्तिखार। वह अभिनेता तो बन गए थे, लेकिन फिल्मों में उन्हें तरह-तरह के किरदार निभाने का मौका कम ही मिला, क्योंकि ज्यादातर फिल्मों में वह पुलिस ऑफिसर या पुलिस कमिश्नर के रोल में ही नजर आए। फिल्मों में पुलिस का किरदार निभाने पर अभिनेता फख्र भी महसूस करते थे।

इफ्तिखार

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 गायक बनना चाहते थे इफ्तिखार

इफ्तिखार का जन्म 22 फरवरी 1920 को पंजाब के जालंधर में हुआ था। अभिनेता का पूरा नाम था सैयदना इफ्तिखार अहमद शरीफ। अभिनेता कानपुर की एक निजी कंपनी में उच्च पदस्थ अधिकारी के बेटे थे। बहुत छोटी उम्र से ही कला के प्रति आकर्षित थे। उन्होंने 10वीं तक पढ़ाई की, जिसके बाद लखनऊ विश्वविद्यालय से पेंटिंग में डिप्लोमा किया। हालांकि, उनके दिल में गायक बनने का सपना था।

इत्तेफाक' से बन गए फिल्मी पुलिस ऑफिसर
इत्तेफाक’ से बन गए फिल्मी पुलिस ऑफिसर

इत्तेफाक’ से बन गए फिल्मी पुलिस ऑफिसर

वह केएल सहगल को अपना आदर्श मानते थे। वह 1942 में कलकत्ता (अब कोलकाता) चले गए। उन्होंने प्रसिद्ध संगीतकार कमल दासगुप्ता को ऑडिशन दिया। कमल अभिनेता के गाने से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने तुरंत ही दो गाने के एल्बम जारी कर दिए।

 गायक बनना चाहते थे इफ्तिखार
 गायक बनना चाहते थे इफ्तिखार

इफ्तिखार का जन्म 22 फरवरी 1920 को पंजाब के जालंधर में हुआ था। अभिनेता का पूरा नाम था सैयदना इफ्तिखार अहमद शरीफ। अभिनेता कानपुर की एक निजी कंपनी में उच्च पदस्थ अधिकारी के बेटे थे। बहुत छोटी उम्र से ही कला के प्रति आकर्षित थे। उन्होंने 10वीं तक पढ़ाई की, जिसके बाद लखनऊ विश्वविद्यालय से पेंटिंग में डिप्लोमा किया।

हिंदी फिल्मों का यह पुलिस कमिश्नर:'डॉन' से लेकर '
हिंदी फिल्मों का यह पुलिस कमिश्नर:’डॉन’ से लेकर ‘

हालांकि, उनके दिल में गायक बनने का सपना था। वह केएल सहगल को अपना आदर्श मानते थे। वह 1942 में कलकत्ता (अब कोलकाता) चले गए। उन्होंने प्रसिद्ध संगीतकार कमल दासगुप्ता को ऑडिशन दिया। कमल अभिनेता के गाने से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने तुरंत ही दो गाने के एल्बम जारी कर दिए।

अभिनेता को अपनी फिल्म 'इत्तेफाक' में बेहतरीन किरदार
अभिनेता को अपनी फिल्म ‘इत्तेफाक’ में बेहतरीन किरदार

इफ्तिखार अक्सर कहते थे कि वह अशोक कुमार के बहुत ज्यादा शुक्रगुजार हैं, क्योंकि उन्होंने अभिनेता की मुलाकात मशहूर प्रॉड्यूसर-डायरेक्टर बीआर चोपड़ा से करवाई। अशोक की सिफारिश पर बीआर चोपड़ा ने अभिनेता को अपनी फिल्म ‘इत्तेफाक’ में बेहतरीन किरदार दे दिया,

पुलिस ऑफिसर या पुलिस कमिश्नर के कई रोल
पुलिस ऑफिसर या पुलिस कमिश्नर के कई रोल

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पुलिस ऑफिसर या पुलिस कमिश्नर के कई रोल

जिसके बाद उनकी किस्मत का सितारा चमक गया और वह रोल था पुलिस इंस्पेक्टर का। ‘इत्तेफाक’ के बाद पुलिस की वर्दी इफ्तिखार से ऐसी जुड़ी कि उन्हें छोड़ने का नाम ही नहीं लिया। अभिनेता ने फिल्मों में पुलिस ऑफिसर या पुलिस कमिश्नर के कई रोल किए।

फिल्मों में उन्होंने नेगेटिव किरदार भी निभाए
फिल्मों में उन्होंने नेगेटिव किरदार भी निभाए

हालांकि, कई फिल्मों में उन्होंने नेगेटिव किरदार भी निभाए, लेकिन पुलिस के रूप में उनकी ईमानदारी वाली छवि दर्शकों के दिल में बस गई और उन्हें फिल्मों में ईमानदार पुलिस अफसर के रूप में जाना गया। फिल्मों में पुलिस के किरदार उन्होंने इतनी ईमानदारी और सख्ती से निभाए थे कि खलनायक भी उनसे डरते थेहमारे इस आर्टिकल को पढ़ने के लिए आप सबका धन्यवाद और इस प्रकार की ओर भी रोचक खबरे जानने के लिए हमारी वेबसाइड ”Samchar buddy .com से जुड़े रहे है।

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